मंदिर का निर्माण कैसा हो जिससे पूरी दुनिया में इसे अलग पहचान मिले इसके लिए इस योजना से जुड़ा हर व्यक्ति पूरी शिद्दत से लगा हुआ है। प्रारंभिकतौर पर राम मंदिर कि जो एक तस्वीर अभी तक सामने आई है उसमें मंदिर परिसर के अलग-अलग तलों पर भगवान राम की अलग-अलग लीला देखने को मिलेगी, जिसमें इस भव्य मंदिर का मुख्य आकर्षण मंदिर के जमीनी तल पर स्थित गर्भ गृह में भगवान रामलला की बालस्वरूप प्रतिमा के दर्शन श्रद्धालुओं को होंगे।
भगवान रामलला के जन्म के बाद उनके विवाह और राम दरबार का दृश्य मंदिर के दूसरे तल पर देखने को मिलेगा। जिसमें भगवान रामलला अपनी पत्नी जनक नंदिनी सीता के साथ पूरे राम दरबार के दर्शन होंगे। पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान राम लला का जन्म इस स्थान पर माना गया है इसीलिए गर्भ ग्रह में भगवान राम की ही बालस्वरूप प्रतिमा स्थापित किए जाने की चर्चा है। मंदिर के सबसे निचले तल पर बाल स्वरूप भगवान रामलला के ही दर्शन होंगे जबकि रामदरबार का दर्शन श्रद्धालुओं को दूसरे तल पर हो सकता है।
श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष और अयोध्या आंदोलन के प्रमुख किरदारों में शामिल रहे महंत नृत्यगोपाल दास भी इसकी पुष्टि करते हैं। महंत नृत्यगोपाल दास बताते हैं कि संबंधित स्थल पर बनने वाले श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के संबंधित स्थल पर बनने वाले मुख्य गर्भगृह में सिर्फ भगवान राम ही बालस्वरूप में बिराजेंगे। कारण, प्रभु का मां सीता से विवाह तो उनके प्रगट होने के बाद का प्रसंग है। जब वह प्रगट हुए तो महारानी कौशल्या के आग्रह पर बालरूप धारण कर लिया इसलिए मुख्य गर्भगृह में बालस्वरूप प्रभु श्रीराम ही विराजित होंगे।