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मुस्लिम पक्ष इस अंतिम हथियार के सहारे राम मंदिर निर्माण में अटका सकता है रोड़ा!

locationलखनऊPublished: Dec 13, 2019 11:50:21 am

Submitted by:

Mahendra Pratap

मुस्लिम पक्षकार राम मंदिर निर्माण में बाधा पैदा कर सकते हैं। उनके पास एक ऐसा विकल्प मौजूद है जिसके जरिए वह दोबारा से केस को सुप्रीम कोर्ट में रिओपन करा सकते हैं।

Ayodhya

मुस्लिम पक्ष इस अंतिम हथियार के सहारे राम मंदिर निर्माण में अटका सकते हैं रोड़ा!

अयोध्या . अयोध्या के रामजन्मभूमि विवाद मामले में दायर 18 पुनर्विचार याचिकाएं खारिज होने के बाद भी मुस्लिम पक्षकार राम मंदिर निर्माण में बाधा पैदा कर सकते हैं। अभी उनके हाथ मजबूत हैं। उनके पास एक ऐसा विकल्प मौजूद है जिसके जरिए वह दोबारा से केस को सुप्रीम कोर्ट में रिओपन करा सकते हैं। विकल्प है उपचारात्मक याचिका या क्यूरेटिव पीटिशन।
सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या जमीन विवाद मामले में नौ नवंबर को अपना फाइनल फैसला सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने हिन्दू पक्षकारों को राम मंदिर बनाने की अनुमति दी। और मुस्लिम पक्षकारों पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया। उसके बाद सभी पक्षकारों को एक माह का मौका मिला, जिसमें वह कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर सकते थे। इस पर कुल 18 पुनर्विचार याचिकाएं दाखिल की गई। जिसमें से अधिकतर पुनर्विचार याचिकाएं फैसले से असंतुष्ट मुस्लिम पक्षकारों की थीं।
सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों के पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दाखिल की गईं सभी पुनर्विचार याचिकाएं खारिज कर दी। पीठ ने कहा कि याचिकाओं में कोई मेरिट नहीं है।

क्या है क्यूरेटिव पिटीशन :- अब असंतुष्ट पक्षकारों के पास एक और विकल्प है। यह कोर्ट के फैसले के खिलाफ दूसरा और अंतिम विकल्प है जिसे क्यूरेटिव पिटीशन (उपचार याचिका) कहा जाता है। हालांकि क्यूरेटिव पिटीशन पुनर्विचार याचिका से थोड़ा अलग है, इसमें फैसले की जगह मामले में उन मुद्दों या विषयों को चिन्हित करना होता है जिसमें उन्हें लगता है कि इन पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है। इस क्यूरेटिव पिटीशन पर भी बेंच सुनवाई कर सकता है या फिर उसे खारिज कर सकता है। इस स्तर पर फैसला होने के बाद केस खत्म हो जाता है और जो भी निर्णय आता है वही सर्वमान्य हो जाता है।
पुनर्विचार याचिकाएं पर फैसला आने पर मुस्लिम पक्ष ने कहाकि फैसला अपलोड नहीं हुआ है। आदेश को पढ़ लेने के बाद सामूहिक रुप से विचार करेंगे। अभी रास्ते बंद नहीं हैं।

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