अयोध्या में बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा गिराए जाने के इस मामले की बेहद लम्बी सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से 351 गवाह और करीब 600 से अधिक दस्तावेजी सबूत पेश किये गए। सीबीआई और अभियुक्तों के वकीलों की तरफ से तकरीबन 800 पन्नों की लिखित बहस दाखिल की गई है। इन सबको देखते हुए अंदाजा लगाया जा रहा है कि फैसला भी करीब 2000 के आसपास का हो सकता है। सीबीआई की विशेष अदालत के जज सुबह 10 बजे से अपना फैसला सुनाना सुनाएंगे। बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले की सुनवाई करने वाली सीबीआई की विशेष अदालत के जज एसके यादव पिछले वर्ष 30 सितंबर को ही रिटायर होने वाले थे, लेकिन सुप्रीम कार्ट ने उनका कार्यकाल बढ़ाने का आदेश दिया था। वह इस मामले की सुनवाई 2015 से कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल 2017 में दो साल के अंदर मुकदमे का निपटारा कर फैसला सुनाने का आदेश दिया था। इसके बाद तीन बार इसकी समय सीमा बढ़ायी गयी और 30 सितंबर 2020 इसकी आखिरी डेडलाइन थी। फैसले को देखते हुए पुराने हाईकोर्ट परिसर में फैसले के मद्देनजर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए हैं। सेंट्रल बार एसोसिएशन की ओर से वकीलों से गुजारिश की गई है कि वह हाईकोर्ट के पुराने परिसर में जाने से बचें। पुराने परिसर में पार्किंग के लिये भी मना किया गया है। उधर फैसले को देखते हुए लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर, कानपुर समेत शहरों में एहतियातन सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।