बहुजन समाज पार्टी ने पूर्व शिक्षा मंत्री रंगनाथ मिश्र को मिर्जापुर मंडल, पूर्व एमएलसी ओपी त्रिपाठी को देवीपाटन मंडल, अरुण पाठक को आजमगढ़ मंडल और वीरेंद्र पांडेय को गोरखपुर मंडल की जिम्मेदारी सौंपी है। अन्य मंडलों में भी क्वार्डिनेटर लिस्ट तैयार हो रही है, जिसमें अपर कास्ट के प्रभावशाली नेताओं को जिम्मेदारी दी जाएगी। जोनल क्वार्डिनेटरों के जिम्मे न सिर्फ ब्राह्मण समाज, बल्कि अपर कास्ट की अन्य जातियों के लोगों को भी बसपा से जोड़ना है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि कुछेक अपवाद छोड़ दें तो मायावती पर अन्य जातियों खासकर अपर कास्ट को तरजीह न देने के आरोप लगते रहे हैं। इसे देखते हुए मायावती विधानसभा चुनावों में किसी भी जाति को नाराज न करने की रणनीति के तहत यह कदम उठाया है।
2022 के विधानसभा चुनाव से पहले मायावती के सामने ऐसे विपक्षी दलों की तगड़ी चुनौती है जो बसपा के मूल वोट बैंट में सेंध लगा रहे हैं। इनमें सबसे ऊपर भाजपा और कांग्रेस है। इसके अलावा भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर भी कुछ हद तक बसपा के दलित वोटों में सेंध लगाने को तैयार हैं। ऐसे में मायावती की निगाहें अब अपर कास्ट पर टिकी हैं, ताकि वोट प्रतिशत का बैलेंस बनाकर रखा जा सके। यही कारण है कि उन्होंने मूल संगठन में अपर कास्ट के नेताओं को भी जिम्मेदारी दी है।