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अब मोबाइल ऐप के जरिये जंगल पर नजर रखेंगे वनकर्मी

locationलखनऊPublished: Feb 24, 2020 03:50:32 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

अवैध वन कटान व जंगली जानवरों के अवैध शिकार पर अंकुश लगाने के लिए वन विभाग ने बड़ा कदम उठाया है। वनकर्मी अब मोबाइल ऐप के जरिये जंगल पर नजर रखेंगे। ऐप को चलाने के लिए वन्यकर्मियों को प्रशिक्षण देने का काम विभाग द्वारा जारी है।

अब मोबाइल ऐप के जरिये जंगल पर नजर रखेंगे वनकर्मी

अब मोबाइल ऐप के जरिये जंगल पर नजर रखेंगे वनकर्मी

बलरामपुर. अवैध वन कटान व जंगली जानवरों के अवैध शिकार पर अंकुश लगाने के लिए वन विभाग ने बड़ा कदम उठाया है। वनकर्मी अब मोबाइल ऐप के जरिये जंगल पर नजर रखेंगे। ऐप को चलाने के लिए वन्यकर्मियों को प्रशिक्षण देने का काम विभाग द्वारा जारी है।
दुनिया में दो विभिन्न बायोडायवर्सिटी साथ लिए अपने तरह का इकलौता जंगल सुहेलदेव वाइल्ड लाइफसेंचुरी माना जाता है। भारत-नेपाल की सीमा से सटे 672 वर्ग किलोमीटर में फैले व 110 किमी लंबे सोहेलवा जंगल की सुरक्षा में तैनात कर्मियों तथा जंगल में हो रही गतिविधियों पर अब मोबाइल एप्लीकेशन के जरिये नजर रखी जाएगी। जिसकी तैयारी में आजकल वन विभाग जुटा हुआ है। इस एप्लिकेशन को लेकर तैनात सभी कर्मियों की न केवल ट्रेनिंग करवाई जा रही है, बल्कि इसके ऑफ़लाइन और ऑनलाइन मोड़ को लेकर भी चर्चा हो रही है। इसके साथ ही सभी वनकर्मियों को इस एप्लिकेशन से जुड़ी तमाम बातें बताई जा रही है, जिससे उन्हें फील्ड में कोई दिक्कत न आए।
दरअसल, ख़ुद में दो तरह की बायोडायवर्सिटी समेटे सुहेलवा वन्य जीव प्रभाग के घने जंगल में सुरक्षा को लेकर तैनात वन कर्मीयों को अक्सर परेशानी का सामना करता पड़ता है। मोबाइल नेटवर्क न होने के कारण व रुट चार्ट का हर बरसात खत्म हो जाने से सुरक्षा कर्मी परेशान रहते थे। पेट्रोलिंग के दौरान सूचनाओं के आदान-प्रदान को लेकर उन्हें काफी जद्दोजहद का सामना करना पड़ता था। लेकिन अब वन विभाग ने इन सभी परेशानियों को एक मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए दूर करने के लिए कमर कस ली है। सुहेलवा वन्य जीव प्रभाग के उच्च अधिकारी अब नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी द्वारा तैयार मोबाइल एप्लीकेशन “एम स्ट्रैप्स” के जरिए कर्मियों तथा जंगल में होने वाली अन्य गतिविधियों पर नजर रखेंगे।
डीएफओ रजनीकांत मित्तल ने बताया कि वन की सुरक्षा में तैनात कर्मियों की ट्रेकिंग अब डिजिटल तरीके से की जाएगी। उन्होंने कहा, ‘मोबाइल एप्लीकेशन “एम स्ट्रेप्स” के जरिए किया जाएगा, जो ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों मोड़ में काम करेगा। 672 वर्ग किलोमीटर में फैले सुहेलवा वाइल्ड लाइफ डिवीजन में 452 वर्ग किलोमीटर सेंचुरी क्षेत्र है। जिसकी सुरक्षा के लिए अलग-अलग मौसम में एसएसबी तथा स्थानीय पुलिस के साथ संयुक्त पेट्रोलिंग समय-समय पर होती है। जंगल में कई जगहों पर बैरियर लगे हुए है। वॉच टावर के माध्यम से जंगल की निगरानी की जा रही है। इसके अलावा मोबाइल एप्लीकेशन अब “एम स्ट्रेप्स” के द्वारा निगरानी की जाएगी। जो ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों होगी। वन कर्मियों के मोबाइल में डाउनलोड इस एप्लीकेशन के माध्यम से तैनात वन कर्मीयो का लोकेशन विभाग को मिलता रहेगा। इसके साथ ही उनके आसपास की गतिविधियों के बारे में भी जानकारी मिलती रहेगी। जिसे कर्मियों को एप्लीकेशन में अपलोड करना होगा, जिसको लेकर शीघ्र ही वन कर्मियों को प्रशिक्षण दिलाया जाएगा।

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