इस बारे में बीमा एक्सपर्ट राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि बैंक लॉकर का बीमा कराने के लिए बीमा कंपनी को उसमें रखी महंगी वस्तुओं की जानकारी देनी होगी न की उनका मूल्य बताने की। 35 लाख रुपए से ज्यादा का बीमा कराने पर कीमत भी बतानी होगी। इस पॉलिसी में चोरी, हादसा, षड्यंत्र और बैंक कर्मचारी की गलती या मिलीभगत से हुए नुकसान को कवर किया जाता है।
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आखिर उत्तर प्रदेश में किस कानून से चलता है बुल्डोजर, कौन देता है निर्देश डीआईसीजीसी (DICGC) देगी बीमा कवर निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation) की ओर से बैंक लॉकर के ग्राहकों को पांच लाख तर कवर दिया जा रहा है। इसमें बीमा कराने के लिए बीमा कंपनी को उसमें रखी महंगी वस्तुओं की जानकारी देनी होगी। हालांकि आभूषण या अन्य का मूल्य नहीं बताना पड़ेगा।
उन्होंने बताया कि अभी चार कंपनियां बैंक लॉकर का बीमा कर रही हैं। दो कंपनियां अपने ग्राहकों को घर में रखी ज्वैलरी के बीमे का भी ऑफर दे रही है। एक कंपनी कीमती दस्तावेजों का भी बीमा करती है। 40 लाख रुपए के कवर के लिए करीब 3000 रुपए देना होंगे।
कोरोना के बाद ग्राहकों की बढ़ी संख्या बीमा एक्सपर्ट राजेन्द्र शुक्ला ने बताया कि कोरोना काल के बाद लॉकरों का बीमा कराने वालों की संख्या बढ़ी है। वर्ष 2020 तक साल में 3 से 4 ग्राहक ही आते थे। अब साल में 15 से 18 ग्राहक आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि कुछ कंपनियां अपने बीमा कवर में लॉकर के साथ-साथ पूरे घर का बीमा करती हैं।