शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति एक पीपल, एक नीम, दस इमली, तीन कैथ, तीन बेल, तीन आंवला और पांच आम के वृक्ष लगाता है, वह पुण्यात्मा होता है और कभी नरक के दर्शन नहीं करता। इसके अलावा एक बरगद, एक अनार, एक कड़ीपत्ता, एक जामफल, एक तुलसी, एक नींबू, एक अशोक, एक चमेली, एक चम्पा का वृक्ष लगाने से निरोगी काया रहकर घर में धन, समृद्धि और शांति बनी रहती है।
कहते हैं कि पूर्व में पीपल, अग्निकोण में दुग्धदार वृक्ष, दक्षिण में पाकड़, निम्ब, नैऋत्य में कदम्ब, पश्चिम में कांटेदार वृक्ष, उत्तर में गुलर, केला, छाई और ईशान में कदली वृक्ष नहीं लगा चाहिए। किसी वास्तुशास्त्री से सलाह लें।
पूर्व में लगे फलदार वृक्ष से संतति की हानि, पश्चिम में लगे कांटेदार वृक्ष से शत्रु का भय, दक्षिण में दूधवाले वृक्ष लगे होने से धननाश होता है। ये वृक्ष पीड़ा, कलह, नेत्ररोग तथा शोक प्रदान करते हैं। हालांकि ये वृक्ष घर की किसी भी दिशा में नहीं हो तो ही अच्छा है।