यह है पूरा मामला शिकायत के बाद बैंक ने मैनुद्दीन को भेजे हुए पत्र में यह लिखा कि सबूत भेजे जा रहे हैं, लेकिन पत्र के साथ ऐसा कोई साक्ष्य नहीं भेजा गया। जिसे यह प्रमाणित हो सके कि मैनुद्दीन को भुगतान मिल चुका है। आखिर में उन्होंने उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज कराकर न्याय की गुहार लगाई। फोरम में एक्सिस बैंक ने यह बात दोहराई की अकाउंट से दस हजार की रकम निकली है और उसका भुगतान शिकायत कर्ता को कर दिया गया है। फोरम ने कहा कि एक्सिस बैंक ने एटीएम का कोई फुटेज प्राप्त करने की कोशिश नहीं की जिससे यह प्रमाणित हो सकता था कि भुगतान शिकायतकर्ता को मिला या नहीं। यह सीधी सेवा में कमी है। इसलिए बैंक को शिकायतकर्ता को दस हजार रुपये मय छह फीसद वार्षिक ब्याज के देना होगी। साथ ही पांच हजार रुपये वाद व्यय के भी अदा करने होंगे। यदि भुगतान नहीं किया गया तो कुल देय रकम नौ फीसद ब्याज के साथ अदा करनी होगी।