यह भी पढ़ें
अब बैंकों के नहीं लगाने पड़ेगे चक्कर, ATM में ही डालेंगे चेक, मिलेगा कैश
रिजर्व बैंक ने यह घोषणा की है उन्होंने क्लीन नोट पॉलिसी के तहत सभी बैंकों को निर्देशित करते हुए बताया है कि एक अप्रैल से यह नियम पूरे देश में लागू हो गया है। आरबीआई की नई गाइडलाइन में साफ तौर पर लिखा गया है कि बैंकों को अब गंदे नोट देने पर जुर्माना भरना होगा। यह अलग बात है कि बैंकों को भी इस जुर्माने के खिलाफ अपील करने की रियायत मिलेगी। बैंक दंड के खिलाफ एक महीने में अपील कर सकेंगे। इस दौरान अगर बैंक का तर्क उचित होगा तभी उन्हें इस जुर्माने में राहत मिल सकेगीसेवा के दायरे में बैंक
आरबीआई की ओर से जारी गाइडलाइन में यह भी कहा गया है कि बैंक एक सेवक है और उन्हें ग्राहकों की सेवाओं से समझौता नहीं करना चाहिए अगर वह अपने ग्राहकों को गंदे कटे या फिर जाली नोट देते हैं तो इसकी वसूली तत्काल की जाएगी। इसके अलावा बैंकों में सीसीटीवी कैमरा खराब होने पर भी बैंक ही जिम्मेदार होंगे। बैंक को इस लापरवाही पर दंड देना होगा। लूट और डकैती जैसी घटनाओं पर शिकंजा कसने के लिए आरबीआई ने यह भी कहा है कि अगर स्ट्रांग रूम के बाहर कैश पाया जाता है तो ऐसी स्थिति में भी बैंक स्टाफ को लापरवाह माना जाएगा और इसके लिए भी दंड लगेगा।
सिक्के जमा करने से मना किया तो भी देना होगा जुर्माना
आरबीआई ने अपनी गाइडलाइन में यह भी साफ कर दिया है कि कोई भी बैंक सिक्कों को जमा करने से मना नहीं कर सकता। अगर कोई बैंक ऐसा करता है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी कोई भी बैंक 50 या उससे कम कीमत वाले नोट को लेने से भी इनकार नहीं कर सकता है। अगर कोई बैंक ऐसा करता है तो इसे भी जुर्माने की श्रेणी में रखा गया है। नई गाइड लाइन में आरबीआई ने कहा है कि अगर गंदे कटे-फटे नोट बदलने में बैंक आनाकानी करता है और किसी बैंक शाखा की पांच से अधिक शिकायतें आती हैं तो उन्हें तुरंत पांच लाख रुपये का जुर्माना देना होगा
आरबीआई ने अपनी गाइडलाइन में यह भी साफ कर दिया है कि कोई भी बैंक सिक्कों को जमा करने से मना नहीं कर सकता। अगर कोई बैंक ऐसा करता है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी कोई भी बैंक 50 या उससे कम कीमत वाले नोट को लेने से भी इनकार नहीं कर सकता है। अगर कोई बैंक ऐसा करता है तो इसे भी जुर्माने की श्रेणी में रखा गया है। नई गाइड लाइन में आरबीआई ने कहा है कि अगर गंदे कटे-फटे नोट बदलने में बैंक आनाकानी करता है और किसी बैंक शाखा की पांच से अधिक शिकायतें आती हैं तो उन्हें तुरंत पांच लाख रुपये का जुर्माना देना होगा