आशुतोष की तलाश उसके घर वाले कर ही रहे थे की उसके बड़े भाई अनुराग के फोन पर एक काल आई और 50 लाख रुपये फिरौती न देने पर उसके छोटे भाई हत्या की धमकी दी। इससे परेशान परिजन बाराबंकी की नगर कोतवाली पहुंचे और वकील पिता बीएल गौतम ने अज्ञात लोगों के खिलाफ तहरीर दी। जिसके बाद हरकत में आई पुलिस ने सर्विलांस के जरिए दोनों आरोपियों को लखपेड़ाबाग स्थित एक कमरे से दबोच लिया। पकड़े गए दोनों आरोपियों में एक सत्येंद्र कुमार बलिया और दूसरा नागेंद्र बहराइच का रहने वाला है। इन दोनों की रिश्तेदारी मृतक आशुतोष के गांव में है। यह दोनों बाराबंकी में ही रहकर जीवन यापन करते हैं।
गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि वह लोग काफी गरीब हैं। इसीलिये पैसा कमाने के चक्कर में उन लोगों ने आशुतोष को पहले अपने कमरे पर ले गये। फिर उसकी हत्या करके फिरौती मांगी। अभियुक्त सत्येंद्र ने बताया कि उसकी आशुतोष के यहां रिश्तेदारी है। इसीलिये उसके यहां आना-जाना था। इसी का फायदा उठाकर उन लोगों ने इस वारदात को अंजाम दिया।
पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद ने बताया कोतवाली पुलिस के साथ आरोपियों की निशानदेही पर शव बरामद कर लिया गया है। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि कमरे में पार्टी करने के दौरान आशुतोष के सिर पर पीछे तवे से हमला कर हत्या की थी। इसके बाद शव को रामसेवक स्कूल के पीछे स्थित एक नाले में फेंक दिया था।