कमेटी के सनी, शिवम, राजा और गौरव ने बताया कि दोपहर को कृष्णलीला में कान्हा के चुरा कर माखन खाने का मंचन किया गया जिसमें मां यशोदा की सखियां जब उनको उलाहना देती है तो वह बाल गोपाल को ऊखल से बांध देती हैं। रात्रिकालीन रामलीला में वनवास पर निकले राम लक्ष्मण और सीता गंगा जी के तट पर पहुंचते हैं जहां उनका केवट से सम्वाद होता है। उसके बाद प्रयागराज में राम-भरत मिलाप का बहुत ही मार्मिक दृश्य मंचित किया गया।