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बेसिक शिक्षकों के अंतर्जनपदीय तबादले की नहीं जारी होगी लिस्ट, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लगाई रोक, फंसा ये बड़ा पेंच

locationलखनऊPublished: Oct 16, 2020 09:26:23 am

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेसिक‌ शिक्षा विभाग में अध्यापकों के अन्तर्जनपदीय तबादले की लिस्ट जारी करने पर रोक लगा दी है।

 बेसिक शिक्षकों के अंतर्जनपदीय तबादले की नहीं जारी होगी लिस्ट, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लगाई रोक, फंसा ये पेंच

बेसिक शिक्षकों के अंतर्जनपदीय तबादले की नहीं जारी होगी लिस्ट, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लगाई रोक, फंसा ये पेंच

प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेसिक‌ शिक्षा विभाग में अध्यापकों के अन्तर्जनपदीय तबादले की लिस्ट जारी करने पर रोक लगा दी है। हालांकि कोर्ट ने किया है कि बेसिक शिक्षा परिषद अध्यापकोंं के ट्रांसफर के लिए आए आवेदनों पर अपना विचार-विमर्श जारी रखे, लेकिन लिस्ट को अंतिम रूप अभी न दें। दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता दिव्या गोस्वामी और जय प्रकाश शुक्ला सहित कई अध्यापकों ने अंतर्जनपदीय तबादले को विभिन्न आधारों पर चुनौती दी है। इस याचिका पर जस्टिस अजीत कुमार सुनवाई कर रहे हैं। वहीं कोर्ट ने वकीलों की बहस सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है। कोर्ट इस मामले में तीन नवंबर को अपना फैसला सुनाएगी।
हाईकोर्ट ने लिस्ट पर लगाई रोक

इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद 22 अक्टूबर को बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से जारी होने वाली शिक्षकों के अंतर्जनपदीय तबादला लिस्ट रोक ली गई है। याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता आर के ओझा, सीमांत सिंह, अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी, नवीन शर्मा समेत दर्जनों वकीलों ने अपना पक्ष रखा। याचिकाकर्ताओं ने अंतर्जनपदीय तबादले में पुरुष और महिला अध्यापिकाओं के स्थानांतरण के लिए तय किये गए नियमों और पहले के आदेशों का पालन नहीं करने का आरोप लगाया है।
नियमों के खिलाफ हैं तबादले

याचिका में आरोप लगाया गया है कि यह ट्रांसफर 2008 की नियमावली के विपरीत किए जा रहे हैं। नई स्थानांतरण नीति में यह प्रावधान है कि एक बार जिसने टरांसफर ले लिया वह दोबारा नहीं ले सकता है। जबकि 2017 के शासनादेश में ऐसा प्रावधान था जिसे 2018 में हटा लिया गया। अब 2019 के शासनादेश में फिर से वही प्रावधान लागू कर दिया गया।
दोबारा स्थानांतरण की मांग उनका अधिकार

याचिकाकर्ताओं का कहना था कि यह नियमित स्थानांतरण नहीं है। जिन अध्यापकों को पहले अपने गृह जनपद में पोस्टिंग नहीं मिली उनको दोबारा स्थानांतरण की मांग करने का अधिकार है। इससे उनको वंचित नहीं किया जा सकता। नियमावली में बदलाव करने का कोई कारण नहीं बताया गया है। वहीं कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया है। कोर्ट इस मामले में तीन नवंबर को अपना फैसला सुनाएगी। हाईकोर्ट ने तब तक बेसिक शिक्षा विभाग को सूची को अंतिम रूप देने से मना किया है।
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