पेंशन और सैलरी दोनों पा रहे थे इस यूनिवर्सिटी के वीसी, अब होगी कार्रवाई
राजधानी स्थित बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर सेंट्रेल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. आरसी सोबती के खिलाफ एक मामला सामने आया है।

लखनऊ. राजधानी स्थित बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर सेंट्रेल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. आरसी सोबती के खिलाफ एक मामला सामने आया है। दरअसल वह पूरे वेतन के साथ पंजाब यूनिवर्सिटी से जारी हो रही पेंशन का लाभ भी ले रहे थे। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के उपसचिव सूरत सिंह ने विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को 4 जून को पत्र लिखकर कहा है कि प्रो. सोबती इसके लिए पात्र नहीं हैं। लिहाजा उनकी नियुक्ति से वेतन का पुनर्निर्धारण कर रिकवरी की जाए। हालांकि वीसी प्रो. सोबती का कहना है कि उन्होंने मंत्रालय के निर्देशानुसार ही भुगतान लिया है।
फंस सकते हैं वीसी
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के उपसचिव सूरत सिंह की ओर जारी पत्र में कहा गया है कि कुलपति प्रो. सोबती के पूरा वेतन व पेंशन लेने के मामले में कई शिकायतें मिलीं। इसका डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक ग्रीवांस एंड ट्रेनिंग के साथ मिलकर पुनर्परीक्षण किया गया। डीओपीटी ने साफ किया है कि ऐसे पेंशनर जिन्हें 55 वर्ष या सेवानिवृत्ति के बाद पुनर्नियुक्ति दी गई है, उन्हें पेंशन की रकम काटकर वेतन दिया जाएगा।यूजीसी ने भी प्रो. सोबती को कोई विशेष छूट नहीं दी है। ऐसा बीबीएयू के नियमों में भी नहीं है। लिहाजा उन्हें दिया जाने वाला वेतन, भत्ता व एचआरए केंद्र की ओर से तय किया जाएगा।
वापस करने पड़ेंगे पैसे
सूत्रों के मुताबिक,अब बीबीएयू वीसी को लगभग 50 लाख रुपये विश्वविद्यालय को वापस करने पड़ सकते हैं। वित्ताधिकारी की ओर से एक और आपत्ति उठाई गई है। वीसी ने लीव इंकैशमेंट, ग्रैच्युटी और पीएफ के 41 लाख रुपये विवि से लिए हैं, लेकिन इसके लिए पहले विजिटर की अनुमति लेनी होती है, जो विवि ने नहीं ली है। वित्ताधिकारी ने बताया कि वीसी को पत्र लिख पूछा गया है कि एमएचआरडी की इस आपत्ति के बाद अब आगे रिकवरी की प्रक्रिया कैसे की जाएगी?
जल्द आएंगे नए वीसी
बता दें कि प्रो.सोबती का कार्यकाल पूरा होने वाला है। ऐसे में बीबीएयू के वाइस चांसलर पद के लिए सर्च कमिटी ने 13 दावेदारों में से पांच नामों का चयन किया है। यह नाम एमएचआरडी को भेज दिए गए हैं। अब मंत्रालय इनमें से किसी एक को यहां के वीसी का कार्यभार सौंपेगा। वहीं, अंतिम सूची में एक भी दावेदार लखनऊ से नहीं है।
फाइनल पांच नामों में एकेटीयू के पूर्व कुलपति प्रो आरके खांडल के अलावा संजय सिंह (आईआईटी बीएचयू), दरवेश गोपाल (इग्नू), आरबी सिंह (दिल्ली विवि) और नरेंद्र कुमार तनेजा (वीसी मेरठ विवि) का नाम शामिल है। ऐसे में अब बीबीएयू में जो भी वीसी आएगा वो शहर के बाहर का होगा।
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