लखनऊ

गांवों में सड़क का नाम अपने बाबा, परदादा के नाम रखिए, निर्माण की आधी राशि देगी सरकार

यूपी मातृभूमि योजना के तहत गांवों में सड़क ही नहीं, लाइब्रेरी, जिम, स्टेडियम आदि बनवाया जा सकता है। निर्माण की आधी लागत खर्च करनी होगी। फिर अपने किसी परिजन का नाम रख सकते हैं।

लखनऊSep 16, 2021 / 02:38 pm

Mahendra Pratap

UP Matrabhumi Yojna

लखनऊ. (पत्रिका न्यूज नेटवर्क) यूपी सरकार ने उत्तर प्रदेश मातृ भूमि योजना Uttar Pradesh Matra Bhumi Yojana के नाम से एक अनूठी स्कीम शुरू की है। आम आदमी इस योजना से जुड़कर राज्य के विकास कार्यों में प्रत्यक्ष भागीदार बन सकता है। योजना का उद्देश्य सहभागी ग्रामीण अर्थव्यवस्था और बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है। योजना के अनुसार गांवों में बनने वाली सड़कों और अन्य आधारभूत ढांचे में ५० प्रतिशत राशि का योगदान करने वालों के परिजनों या उनके प्रिय जनों के नाम पर सड़क का नामकरण किया जाएगा। योजना प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत चलेगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है इस स्कीम के तहत हर व्यक्ति को गांवों में बुनियादी ढांचे के विकास के विभिन्न कार्यों में सीधे तौर पर हिस्सा लेने का मौका मिलेगा। परियोजना की कुल लागत का 50 फीसदी सरकार वहन करेगी, जबकि बाकी का 50 फीसदी हिस्सा सरकार वहन करेगी। इच्छुक लोगों द्वारा योगदान दिया जाएगा। बदले में परियोजना का नाम सहयोगियों के रिश्तेदारों के नाम पर उनकी इच्छा के अनुसार रखा जा सकता है।
स्टेडियम सहित दर्जनभर काम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग से इस अभिनव योजना के औपचारिक शुभारंभ के लिए एक कार्य योजना पेश करने को कहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकारों द्वारा गांवों के सर्वांगीण विकास के लिए लगातार काम किया जा रहा है। उप्र मातृभूमि योजना गांवों में स्वास्थ्य केंद्र, आंगनबाडी, पुस्तकालय, स्टेडियम, व्यायामशाला, ओपन जिम, पशु नस्ल सुधार केंद्र, अग्निशमन सेवा स्टेशन, आदि की स्थापना में एक अच्छा प्रयास हो सकता है।
पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने की कवायद
स्मार्ट गांवों के लिए सीसीटीवी लगाने, अंतिम संस्कार स्थलों के विकास, सोलर लाइट लगाने के लिए हर काम में जनभागीदारी हो सकती है। इस नई योजना के माध्यम से संबंधित व्यक्ति कुल लागत का आधा वहन करके परियोजना का पूरा क्रेडिट ले सकेगा। योजना का मकसद पंचायतों को आत्मनिर्भर करना है। सरकार चाहती है कि उपलब्ध संसाधनों के साथ नवाचारों को अपनाकर आत्मनिर्भरता के प्रयास हों।
सरकार का कहना है कि यूपी में लगभग 80 प्रतिशत आबादी ग्रामीण पृष्ठभूमि में रहती है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए, अच्छी सड़कों और बेहतर कनेक्टिविटी आवश्यक है जो पीएमजीएसवाई के माध्यम से लगातार किया जा रहा है।

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