scriptBharat Bandh : एससी-एसटी एक्ट के विरोध में सवर्ण संगठन सड़कों पर, जानें- कितना है बंद का असर | Bharat Bandh Protest against sc st Amendment asar in uttar pradesh | Patrika News

Bharat Bandh : एससी-एसटी एक्ट के विरोध में सवर्ण संगठन सड़कों पर, जानें- कितना है बंद का असर

locationलखनऊPublished: Sep 06, 2018 01:41:37 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

भारत बंद : बवाल की संभावनाओं को देखते हुए पुलिस अलर्ट पर है, संवेदनशील इलाकों में धारा 144 भी लागू है

Bharat Bandh Protest

Bharat Bandh : एससी-एसटी एक्ट के विरोध में सवर्ण संगठन सड़कों पर, जानें- कितना है बंद का असर

लखनऊ. एससी-एसटी एक्ट के विरोध में आज कई सवर्ण संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया है। भारत बंद का असर उत्तर प्रदेश के कई जिलों लखनऊ, आगरा, वाराणसी, मैनपुरी, एटा और चित्रकूट सहित कई जिलों में देखने को मिल रहा है। कई शहरों के बाजार बंद हैं। कहीं-कहीं तोड़फोड़ और आगजनी की भी खबर है। बवाल की संभावनाओं को देखते हुए पुलिस अलर्ट पर है। संवेदनशील इलाकों में धारा 144 भी लागू है। लखनऊ में भारत बंद को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं। डीजीपी मुख्यालय में सभी जिलों के अधिकारियों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिये गये हैं।
एससी-एसटी एक्ट के खिलाफ सवर्ण समाज गुस्से में है। आगरा व मैनपुरी में प्रदेशनकरियों ने ट्रेन रोककर रेलयाता को बाधित किया तो वहीं इटावा में डीएमयू ट्रेन को भी पिनाहट थाना क्षेत्र के भदरौली के पास रोका गया। दलित एक्ट को प्रभावी किये जाने के विरोध में इटावा में सवर्ण संगठन के लोगों ने अर्धनन्न होकर प्रदर्शन किया। आगरा में भी ब्राह्मण महासभा के पदाधिकारियों ने अर्धनग्न होकर जताया विरोध। ललितपुर में व्यापारिक संगठनों ने जलूस निकाल कर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। चित्रकूट में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सवर्ण समुदाय के लोगों ने विरोध जताया। गाजियाबाद में भी नारेबाजी के बाद पैदल मार्च किया गया। श्रावस्ती एससी/एसटी एक्ट के विरोध में वकीलों ने प्रदर्शन के बाद एसडीएम ज्ञापन सौंपा।
सवर्णों के विरोध ने बीजेपी की बढ़ाईं मुश्किलें
पदोन्नति में आरक्षण और एससी-एसटी एक्ट जैसे कानूनों को लेकर सवर्ण मतदाता बीजेपी से नाराज दिख रहा है। पार्टी में विरोध के सुर उठ रहे हैं। अभी तक सवर्ण वोटर बीजेपी का कोर वोटर माना जाता रहा है, लेकिन अगर ये नाराज हो गया तो 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी। गौरतलब है कि सबका साथ सबका विकास’ नारे के साथ बीजेपी ने दलितों- पिछड़ों और आदिवासियों को लुभाने के लिये एससी-एसटी एक्ट, पदोन्नति में आरक्षण, 2021 पिछड़े वर्ग की अलग से जनगणना जैसे कई बड़े फैसले लिये। आरक्षण और एससी-एसटी एक्ट जैसे फैसलों पर सवर्ण वर्ग नाराज है।

ट्रेंडिंग वीडियो