ये पहले ही हो चुके हैं रिहा- यूपी सरकार ने सहारनपुर मामले में सोनू, सुधीर, विलास को पहले ही रिहा कर दिया था। और अब चंद्रशोखर की मां की अपील पर विचार करते हुए सरकार ने उनके समयपूर्व रिहाई का फैसला लिया है। सरकार ने चंद्रशेखर के साथ दो अन्य आरोपियों सोनू व शिवकुमार को भी रिहा करने का फैसला किया है।
मायावती की बढ़ सकती हैं मुश्किलें- माना जा रहा है कि इस कदम से भाजपा एससी/एसटी वर्ग में जगह बनाने की कोशिश कर रही है। चंद्रशेखर एससी/एसटी के नेता भी है और 2019 चुनाव से पहले भाजपा के लिए कारगर साबित हो सकते हैं। पश्चिमी यूपी में मायावती के सामने भीम आर्मी के नाम से चंद्रशेखर आजाद रावण दलित वोट बैंक का दूसरा धड़ा बन रहा है। योगी सरकार ने इस फैसले से दलित वोट बैंक की राजनीति करने वाली मायावती की मुश्किलें बढ़ा दी है। पश्चिमी यूपी में दलित वोट बैंक पर मायावती के एकाधिकार के लिए चंद शेखर रावण एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।