scriptबनारसी टेक्सटाइल और सोनभद्र के कारपेट को मिली नई उड़ान | Big gift textile workers of Varanasi and Sonbhadra | Patrika News

बनारसी टेक्सटाइल और सोनभद्र के कारपेट को मिली नई उड़ान

locationलखनऊPublished: Oct 01, 2021 04:39:01 pm

Submitted by:

Ritesh Singh

(Sonbhadra Carpet And Banarasi Textile 2021)डबल इंजन सरकार का वाराणसी और सोनभद्र के टेक्सटाइल कारीगरों को बड़ा तोहफा

बनारसी टेक्सटाइल और सोनभद्र के कारपेट को मिली नई उड़ान

बनारसी टेक्सटाइल और सोनभद्र के कारपेट को मिली नई उड़ान

लखनऊ।(Sonbhadra Carpet And Banarasi Textile 2021) वैश्विक स्तर पर बनारसी सिल्क और सोनभद्र के कारपेट को जल्द नई पहचान मिलने वाली है। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से वाराणसी में हाईटेक सिल्क, वीविंग एंड डिजाइन क्लस्टर, सोनभद्र के घोरावल में कारपेट और दरी क्लस्टर के लिए कॉमन फैसेलिटी सेंटर (सीएफसी) की मंजूरी दी गई है। (Sonbhadra Carpet And Banarasi Textile 2021)दोनों सीएफसी की स्थापना के राज्य सरकार की ओर से राज्यांश जारी कर दिया गया है। इससे बुनकरों और कारीगरों सहित कारोबारियों को अपने उत्पादों के वैल्यू एडिशन का लाभ मिलेगा, जिससे बनारसी सिल्क और सिल्क स्कार्फ, कारपेट और दरी सहित अन्य उत्पादों के एक्सपोर्ट और घरेलू बाजार में भी डिमांड बढ़ेगी।
(Sonbhadra Carpet And Banarasi Textile 2021)वाराणसी और सोनभद्र में सीएफसी की स्थापना से कारीगरों को एक ही स्थान पर मार्केटिंग, पैकेजिंग, टेस्टिंग लैब, रॉ मटेरियल बैंक आदि की उच्च गुणवत्ता वाली सुविधाएं न्यूनतम दरों पर मिलेंगीं। इससे उनके उत्पादों में और निखार आएगा, जिससे बनारसी टेक्सटाइल, कारपेट और दरी सहित अन्य उत्पादों के एक्सपोर्ट को बढ़ावा मिलेगा। (Sonbhadra Carpet And Banarasi Textile 2021)साथ ही घरेलू बाजार में भी डिमांड बढ़ेगी। वाराणसी में टेक्सटाइल क्लस्टर के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से इस प्रोजेक्ट पर कुल 13 करोड़ 85 लाख रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इसके लिए राज्य सरकार ने एक करोड़ 21 लाख 53 हजार रुपए जारी भी कर दिए हैं। ऐसे ही सोनभद्र जिले के घोरावल में कारपेट और दरी क्लस्टर में केंद्र सरकार का अनुदान 540.54 लाख रुपए और राज्य सरकार का अनुदान 77.22 लाख रुपए है।
(Sonbhadra Carpet And Banarasi Textile 2021)इसके लिए राज्य सरकार ने प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति देते हुए 31 लाख रुपए जारी कर दिए हैं। इससे कारपेट, दरी के कारीगरों को कच्चा माल और तकनीकी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे कारपेट, दरी सहित अन्य उत्पादों के उत्पादन में वृद्धि होगी। इसके अलावा उत्पादों की मार्केटिंग से रोजगार सृजन के साथ कारपेट कारीगरों की आय में भी वृद्धि होगी।
वैश्विक उत्पादों से भी कर सकेंगे प्रतिस्पर्धा: डॉ. नवनीत

(Sonbhadra Carpet And Banarasi Textile 2021)एमएसएमई के अपर मुख्य सचिव डॉ. नवनीत सहगल ने बताया कि इन परियोजनाओं से वाराणसी और सोनभद्र में पैकेजिंग और विपणन आदि कार्यों में कारीगरों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। सीएफसी में उच्च गुणवत्ता वाली सुविधाएं कारीगरों को मिलेंगीं, जिससे इकाईयों के उत्पाद वैश्विक उत्पादों से भी प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे। इसके अलावा वैश्विक बाजारों में निर्यात की सम्भावनाएं भी सृजित होंगी और राज्य को एमएसएमई क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान मिलेगा। वाराणसी क्लस्टर में केंद्र सरकार का अनुदान 953.60 लाख और राज्य सरकार का अनुदान 277.06 लाख रुपए है। इसके तहत 20 करोड़ तक की परियोजनाएं स्थापित की जा सकती हैं।
(Sonbhadra Carpet And Banarasi Textile 2021)क्लस्टर बनने से वाराणसी का टेक्सटाइल कारोबार दुगुना होने की संभावना

टेक्सटाइल क्लस्टर के स्पेशल पर्पज ऑफ व्हीकल (एसपीवी) के डायरेक्टर अमरनाथ मौर्या ने बताया कि सीएफसी के लिए हरदत्तपुर बीकापुर रोहनिया में डेढ़ करोड़ की लागत से 14 हजार स्क्वायर फिट जमीन खरीदी गई है। यहां तमाम ऐसे छोटे-छोटे कारीगर हैं, जिनके पास मशीनें नहीं हैं। क्लस्टर का निर्माण होने से वह सीएफसी में हाईटेक मशीनों का उपयोग कर सकेंगे, जिससे वाराणसी के कारीगरों को बड़ा लाभ होगा। (Sonbhadra Carpet And Banarasi Textile 2021)उन्होंने बताया कि कोरोना के बाद बाहर से बहुत अच्छा काम आ रहा है। क्लस्टर बनने से वाराणसी का टेक्सटाइल कारोबार दुगुना होने की संभावना है। क्रिएशन और डिजाइनिंग के क्षेत्र में वाराणसी का तोड़ नहीं है। क्लस्टर से लेनिन के ड्रेस मटैरियल, होम फर्निशिंग और गारमेंट्स को बड़ा लाभ मिलने वाला है।
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