UP Police: उत्तर प्रदेश में पुलिस में आउटसोर्सिंग से भर्ती पर विचार किया जा रहा है। आउटसोर्सिंग भर्तियों पर राय के लिए एडीजी स्थापना की ओर से सभी एडीजी, पुलिस कमिश्नर को पत्र भेजा गया है। आउटसोर्सिंग से भर्तियों पर सीनियर पुलिस अफसरों की राय मांगी गई है. सहायक उप निरीक्षक(लिपिक),सहायक उप निरीक्षक(लेखा),सहायक उप निरीक्षक(गोपनीय) के पदों पर आउटसोर्सिंग से भर्ती पर 17 जून तक राय मांगी गई है।
सीनियर अफसरों से मिली राय को शासन भेजा जाएगा. पुलिस उपमहानिरीक्षक (स्थापना) प्रभाकर चौधरी की ओर से लिखी चिट्ठी में कहा गया है कि सहायक उप निरीक्षक (लिपिक), सहायक उप निरीक्षक (लेखा) के कार्मिकों द्वारा कार्यालय में आवंटित / कार्य वितरण के अनुसार अलग-अलग प्रकृति के यथा इण्डेक्स, चरित्र पंजिका, रिकार्ड कीपिगं आदि, आंकिक शाखा में वेतन, टी०ए० आदि, कार्य सम्पादित किये जाते हैं, एवं उप निरीक्षक (गोपनीय) द्वारा पुलिस अधिकारियों के गोपनीय कार्यालय में पत्राचार आदि कार्य किया जाता है, इन सभी पदों पर माध्यम से भर्ती किये जाने की व्यवस्था प्रचलित है.
एडीजी चौधरी की चिट्ठी में कहा गया है कि- अवगत कराना है कि पुलिस विभाग के कार्यों में हो रही उत्तरोत्तर वृद्धि के दृष्टिगत लिपिकीय संवर्ग में स्वीकृत पदों के अतिरिक्त वर्तमान में विभाग की तात्कालिक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु सहायक उप निरीक्षक (लिपिक), सहायक उप निरीक्षक (लेखा) एवं उप निरीक्षक (गोपनीय) के पदों पर आउट सोर्सिगं के माध्यम से सेवायें लिये जाने पर विचार करना प्रस्तावित है।
पुलिस अधिकारियों को भेजी चिट्ठी में कहा गया है कि निदेशानुसार अनुरोध है कि पुलिस विभाग के अर्न्तगत लिपिकीय संवर्ग में आउट सोर्सिगं के माध्यम से सेवायें लिये जाने के सम्बन्ध में अपना सुविचारित अभिमत/आख्या इस मुख्यालय को एक सप्ताह में उपलब्ध कराने की कृपा करें, जिससे वस्तुस्थिति से उप्र० शासन को अवगत कराया जा सके।
संवेदनशील पदों पर भर्ती को लेकर जारी पत्र को त्रुटिपूर्ण बताते हुए डीजीपी मुख्यालय ने वापस ले लिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, देर रात डीजीपी ने बताया कि आउटसोर्सिंग के संबंध में एक पत्र त्रुटिवश जारी हो गया है। पुलिस विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की आउटसोर्सिंग की वयवस्था पूर्व से चल रही है। इसी के संबंध में पत्र जारी किया जाना था जो कि त्रुटिवश मिनिस्टीरियल स्टाफ के लिए जारी हो गया। ऐसा कोई प्रस्ताव पुलिस विभाग और शासन स्तर पर विचाराधीन नहीं है। यह पत्र गलत जारी हो गया है जिसे निरस्त कर दिया गया है।
Published on:
13 Jun 2024 12:54 pm