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Power Crisis: गुल हो सकती है बिजली, देश के कई थर्मल पावर प्लांट में सिर्फ चार दिनों का बचा कोयला

locationलखनऊPublished: Oct 11, 2021 05:00:59 pm

Submitted by:

Vivek Srivastava

Power Crisis: ऊंचाहार NTPC की दूसरी इकाई बंद होेने के बाद शाहजहाँपुर के रोज़ा में रिलायंस के थर्मल पावर प्लांट की भी एक इकाई बंद हो गयी है। केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण के नियमों के मुताबिक सभी विद्युत इकाइयों को कम से कम 20 दिन का कोयला भण्डार रखना होता है। मगर उनके पास सिर्फ चार दिन का कोयला भण्डार बचा है।

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लखनऊ. बिजली का संकट और गहराने का आसार हैं। ऊंचाहार NTPC की दूसरी इकाई बंद हुई थी वहीं कोयले की कमी के चलते शाहजहाँपुर के रोज़ा में रिलायंस के थर्मल पावर प्लांट की भी एक इकाई बंद हो गयी है। ऊंचाहार NTPC से उत्तर प्रदेश समेत देश के 10 उत्तरी राज्यों को बिजली सप्लाई की जाती है। मगर कोयले की कमी (Coal Shortage) के चलते यहाँ की दूसरी इकाई में बिजली उत्पादन (Electricity Production) ठप पड़ गया है।
कोयले की कमी के चलते ऊंचाहार की 1550 मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता वाली एनटीपीसी की दूसरी इकाई भी बंद हो गयी है। उत्तर प्रदेश के अलावा एनटीपीसी की इस इकाई से नौ राज्यों को बिजली सप्लाई की जाती है। उत्तर प्रदेश के अलावा ये नौ राज्य हैं हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तराखण्ड। इस इकाई के बंद होने से इन राज्यों में भी बिजली का संकट पैदा हो सकता है।
हाँलाकि एनटीपीसी मैनेजमेंट इस इकाई के बंद होने की वजह मरम्मत का कार्य बता रहा है। ऊंचाहार एनटीपीसी परियोजना 1550 मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता वाली है। दो इकाइयों के बंद होने से अब महज 779 मेगावाट विद्युत का उत्पादन हो रहा है। कोयला संकट के कारण गुरुवार को सबसे अधिक विद्युत उत्पादन वाली छठवीं इकाई को बंद कर दिया गया था। वहीं, अन्य इकाइयों को आधे से कम भार पर चलाया जा रहा था। सूत्रों के मुताबिक पिछले दो दिन से परियोजना में कोयले की दो रैक ही आयी है।
रोज़ा थर्मल पॉवर की भी एक इकाई बंद

कोयले की कमी के चलते शाहजहाँपुर में रिलायंस के रोज़ा थर्मल पावर प्लांट की 300 मेगावाट की एक इकाई बंद हो गयी है। जिसका असर ग्रामीण इलाकों में दिखने लगा।
पश्चिमी यूपी में भी जबरदस्त असर
पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (पीवीवीएनएल) ने विद्युत आपूर्ति में कमी के चलते ग्रामीण क्षेत्र में बिजली कटौती शुरू कर दी है। मेरठ, गाजियाबाद और नोएडा जैसे शहरों में फिलहाल कटौती नहीं शुरू हुई है मगर यही हालात रहे तो यहाँ भी कटौती हो सकती है।
दो दिन से बंद हैं पारीछा थर्मल पावर की चार यूनिट

वहीं दूसरी ओर झांसी के पारीछा स्थित थर्मल पावर हाउस की चारों यूनिट पिछले दो दिनों से बंद चल रही हैं। हाँलाकि पारीछा थर्मल पावर प्रबंधन का कहना है कि 15 अक्टूबर तक कोयले की आपूर्ति पूरी क्षमता से होने लगेगी। तब चारों यूनिट में एक बार से उत्पादन शुरू हो जाएगा।
क्या है बिजली संकट की वज़ह?

दरअसल कोयले की कमी के चलते यह बिजली संकट पैदा हुआ है। केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण के नियमों के मुताबिक सभी विद्युत इकाइयों को कम से कम 20 दिन का कोयला भण्डार रखना होता है। मगर उनके पास सिर्फ चार दिन का कोयला भण्डार बचा है।
क्यों हो रही कोयले की कमी?

दरअसल सितंबर महीने में भारी बारिश से पश्चिम बंगाल, झारखण्ड और उड़ीसा के कोयला खादानों में पानी भर गया और कई दिन तक काम ठप पड़ा रहा। जिसके चलते कोयले का उत्पादन और सप्लाई दोनों नहीं हो सका। वहीं कोरोना महामारी की वजह से भी खादानों में कोयले की खुदाई नहीं हो सकी।
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