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प्रधानजी होशियार- जांच के लिए हो जाएं तैयार

locationलखनऊPublished: Aug 25, 2019 04:56:34 pm

Submitted by:

Anil Ankur

प्रधानों की सम्पत्तियों की होगी जांच, आदेश जारी

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अनिल के. अंकुर
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ग्राम प्रधानों की बढ़ रही अमीरी से परेशान है। नेताओं और अफसरों के बाद अब प्रधानजी की बारी है। उन्होंने बीते पांच सालों में कितनी सम्पत्ति बनाई। प्रधान बनने से पहले प्रधानजी किस गाड़ी से चलते थे और उनके पास कितने खेत थे और अब किस गाड़ी से चल रहे हैं। उनके पास कितने खेतों का इजाफा हो गया है। मनरेगा में प्रधान की भूमिका क्या थी, खाद्य वितरण में क्या भूमिका होती है। ये सारे पहलू जांच के दायरे में होंगे। बस प्रधानजी तैयार हो जाएं।
ग्राम प्रधानी के चुनाव के पहले हो जाएगी जांच

प्रधानी के दम पर गांव वालों पर गब्बर सिंह जैसा दबदबा जमाने वाले प्रधान अब संकट में पडऩे वाले हैं। आगामी पंचायत चुनाव से पहले प्रधानों की सम्पत्तियों की जांच की कवायद शुरू होने जा रही है। पांच साल पहले और अब प्रधानों की दौलत में कितना और कैसे इजाफा हुआ है इसकी जांच की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को इस बाबत दिशा निर्देश जारी किए गए हैं और अब गाईड लाईन से यूपी में जांच की जाएगी।
ग्राम प्रधानों ने पांच साल में योजनाओं का क्या किया

राज्य सरकार इस बात की पड़ताल करेगी कि बीते पांच साल में सरकार की योजनाओं पर कितना ग्रामीण स्तर पर हुआ। ग्राम प्रधानों ने इस पर क्या कार्रवाई की। केन्द्र और प्रदेश सरकार से पंचायतों को मिलने वाली धनराशि कहां गई। सरकार की योजनाओं की जमीनी हकीकत क्या है। राज्य सरकार केन्द्रीय गाइड लाइन के आधार पर इसके लिए हर जिले में टास्क फोर्स के गठन के लिए प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
खंगाला जाएगा प्रधानजी का इतिहास

राज्य सरकार प्रधानों की आर्थिक स्थिति की जांच भी कराएगी। प्रधानी जीतने से पहले प्रधानजी की आर्थिक स्थिति क्या थी और आय का सोत्र क्या था। पांच साल में प्रधानों के पास क्या क्या संसाधन आए और उसका जरिया क्या था, प्रधानों के व्यक्तिगत खातों से पहले कितनी जमा निकासी थी और प्रधान बनने के बाद अब तक क्या रही। प्रधान बनने के बाद क्या लग्जरी गाड़ी और जमीन खरीद हुई। इन सारे बिन्दुओं पर जांच की जाएगी।
योजनाओं के पैसे का कितना हुआ उपयोग

गांव में केन्द्रीय और राज्य सरकार की योजनाएं चलती हैं। अब देखा यह जाएगा कि केंद्र और राज्य सरकारों की विभिन्न योजनाओं में पंचायतों को कितनी धनराशि मिली। उसका कितना उपयोग किया गया। जो उपयोग हुआ वह कागजों में हुआ या वास्तव में। गांव में हुए विकास कार्य गुणवत्ता कैसी है। पंचायतों के खातों से हुए लेनदेन का ब्यौरा भी जुटाया जाएगा।
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