पुलिस के रडार पर इन दिनों मुख्तार अंसारी और उनके गैंग से जुड़ा एक-एक व्यक्ति है। जमानत पर बाहर करीबियों व गैंग के सहयोगियों पर खास नजर है। ऐसे लोगों की धर-पकड़ कर उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाया जा रहा है। इसी क्रम में लखनऊ में अब तक की सबसे बड़ी कही जाने वाली कार्रवाई की गई। छह डीसीपी के नेतृत्व में 48 टीमों ने अपराधियों के 42 ठिकारों पर एक साथ धावा बोला।
इस दौरान मुख्तार अंसारी के करीबी कहे जाने वाले शातिर अपराधी प्रदीप सिंह के ठिकानों पर छापेमारी में वह नहीं मिला तो पुलिस ने उसके साथी बसपा से पूर्व एमएलसी रहे संजीव उर्फ रामू द्विवेदी के फ्लैट पर भी छापेमारी की, हालांकि वहां कुछ नहीं मिला। इसके अलावाकैंट व हुसैनगंज में सीरिसल किलर सलीम सोहराम व रुस्तम के करीबियों के यहां दबिश दी और घरों की तलाशी ली गई।
एडीसीपी दिनेश पुरी ने मीडिया को बताया कि मड़ियांव के हिस्ट्रीशीटर अभिषेक सिंह ‘बाबू’ को विभूतिखंड से पकड़ा गया। मड़ियांव का बाबू उत्तरी क्षेत्र में मुख्तार अंसारी के नाम पर लोगों को धमकाता रहता था। उन्होंने बताया कि पुलिस को उसके घर दबिश के दौरान एक छोटा तहखाना मिला, जिसमें तीन पिस्टल व 21 मैग्जीन बरामद की गईं।
उधर पुलिस कमिश्नर सुजीत पाण्डेय ने कहा है कि जो भी लोग हिरासत में लिये गए हैं उनकी अगर किसी अपराध में संलिप्तता पायी गयी तो उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। बताते चलें कि पिछले दो माह से यूपी पुलिस जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी, उनके गैंग से जुड़े सहयोगी व करीबियों पर ताबड़तोड़ कार्रवाइयां कर रही है। मुख्तार की पत्नी और दो सालों पर गैंगस्टर लगाकर उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया जा चुका है। वहीं उनके दोनों बेटे अब्बास अंसारी व उमर अंसारी पर 25-25 हजार का ईनाम घोषित किया गया है।