शिकायतों पर लिया फैसला यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा सोमवार को इसको लेकर एक आदेश भी जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि जून 2021 में राजभवन में संपन्न हुई विभिन्न समीक्षा बैठकों में तथा समय-समय पर विश्विविद्यालयों की समीक्षा बैठकों और राजभवन में आने वालों से मुलाकात के दौरान यह मामला सामने आया था।
कर्मचारी समय से नहीं पहुंचते थे जिसमें लोगों ने बताया कि राज्य विश्वविद्यालय के शैक्षणिक व गैरशैक्षणिक कर्मचारी समय से अपने कार्यालय नहीं पहुंचते और अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं करते हैं। राज्यपाल ने अपने आदेश में कहा है कि कथित राज्य विश्वविद्यालयों में तो ओवर टाइम देने की बात सामने आई है, जो किसी भी हालत में मान्य नहीं है। राज्यपाल ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि कुछ शैक्षणिक व गैरशैक्षणिक सुबह आ जाते हैं और दोपहर होते ही चले जाते हैं।
पर्याप्त संख्या में बायोमीट्रिक मशीन लगाए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राज्य के विश्वविद्यालयों को अपने आदेश में निर्देश दिए हैं कि सभी प्रकार के शैक्षणिक व गैरशैक्षणिक कार्मिकों की उपस्थित बायोमीट्रिक प्रणाली से अनिवार्य रूप से दर्ज करायी जाए। इसके लिए विश्वविद्यालय परिसर में पर्याप्त संखया में सार्वजनिक स्थलों पर उपस्थित दर्ज करने के लिए बायोमीट्रिक उपकरण लगाये जाए। राज्यपाल ने निर्देश दिए कि यह व्यवस्था ऐसी बनाई जाए कि सबकी उपस्थित एक केंद्रीकृत सर्वर पर उपलब्ध हो जाए।
इसी व्यवस्था पर आधारित होगा वेतन राज्यपाल ने निर्देश दिए कि सभी शैक्षणिक व गैरशैक्षणिक कार्मिकों का वेतन भी इसी बायोमीट्रिक हाजिरी प्रणाली पर आधारित होगा। इसके लिए बायोमीट्रिक उपस्थित प्रणाली को पे-मास्टर/वेतन भुगतान पद्धित से लिंक कराया जाए। इसके लिए खुले बाजार में बहुत से साफ्टवेयर उपलब्ध है। इसके अलावा इसकी सुरक्षा व रखरखाव का भी विशेष ध्यान रखा जाए।
30 मई तक हर हाल में लागू हो व्यवस्था कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने स्पष्ट आदेश दिया कि यह व्यवस्था राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में 30 मई 2022 तक हर हाल में अनिवार्य रूप से लागू और संचालित कर दी जाए। जिससे जून 2022 का वेतन इसी प्रणाली से शुरू हो सके और आगे भी चलता रहे।