बीते माह 14 से 18 जून तक हरियाणा के सूरजकुंड में संघ पदाधिकारियों की हुई बैठक का अहम एजेंडा यही था कि 2019 में फिर से बीजेपी की सत्ता में वापसी कैसे कराई जाये। साथ ही विरोधियों को मात देने की रणनीति पर भी चर्चा हुई। संघ और बीजेपी की बैठकों से जो निकलकर सामने आ रहा है, उसके मुताबिक मिशन 2019 फतेह के लिये आरएसएस और बीजेपी ने मिलकर अहम रणनीति तैयार की है। इनमें हर सांसद के मूल्यांकन से लेकर वैकल्पिक उम्मीदवार तलाशने का जिम्मा जहां संघ के संगठन मंत्रियों पर है, वहीं बीजेपी पदाधिकारियों को लोकसभा चुनाव से पहले जनता तक सरकार की नीतियों का प्रचार-प्रसार करना है।
RSS strategy ” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2018/07/02/bjp1_3040541-m.jpg”>उत्तर प्रदेश क्यों अहम
उत्तर प्रदेश सभी पार्टियों के लिये अहम है। कहा भी जाता है कि दिल्ली का रास्ता लखनऊ से होकर ही जाता है। ऐसे में सभी दलों की नजर उत्तर प्रदेश में अधिक से अधिक सीटें जीतने पर है। खासकर बीजेपी के लिये यूपी जीतना ज्यादा अहम है। 2014 में राज्य ने बीजेपी को 73 सीटें दी थीं, लेकिन मौजूदा परिस्थितियां (खासकर उपचुनाव में हार और विपक्षी एकता) बीजेपी के काफी मुश्किल हैं। धुर-विरोधी अखिलेश-मायावती के एक साथ आने के बाद बीजेपी के लिये मुश्किलें और बढ़ गई हैं। सूत्रों की मानें तो सूरजकुंड की बैठक में उत्तर प्रदेश विजय के लिये खास रणनीति बनी है।
उत्तर प्रदेश सभी पार्टियों के लिये अहम है। कहा भी जाता है कि दिल्ली का रास्ता लखनऊ से होकर ही जाता है। ऐसे में सभी दलों की नजर उत्तर प्रदेश में अधिक से अधिक सीटें जीतने पर है। खासकर बीजेपी के लिये यूपी जीतना ज्यादा अहम है। 2014 में राज्य ने बीजेपी को 73 सीटें दी थीं, लेकिन मौजूदा परिस्थितियां (खासकर उपचुनाव में हार और विपक्षी एकता) बीजेपी के काफी मुश्किल हैं। धुर-विरोधी अखिलेश-मायावती के एक साथ आने के बाद बीजेपी के लिये मुश्किलें और बढ़ गई हैं। सूत्रों की मानें तो सूरजकुंड की बैठक में उत्तर प्रदेश विजय के लिये खास रणनीति बनी है।
संघ प्रभारी संभालेंगे जिम्मा
संघ ने यूपी में बीजेपी की वापसी सुनिश्चित करने के लिये अपने पूर्णकालिक प्रचारकों को सूबे की जिम्मेदारी सौंपी है। खास रणनीति के तहत उत्तर प्रदेश को छह हिस्सों (प्रांतों) में बांटा गया है। इन प्रांतों के प्रभारियों को बेहतर तालमेल के साथ काम करने को कहा गया है। ये प्रभारी उन क्षेत्रों में संघ की गतिविधियां बढ़ाएंगे, जहां सपा-बसपा गठबंधन के बाद बीजेपी के जीतने की संभावना कम होती जा रही हो।
संघ ने यूपी में बीजेपी की वापसी सुनिश्चित करने के लिये अपने पूर्णकालिक प्रचारकों को सूबे की जिम्मेदारी सौंपी है। खास रणनीति के तहत उत्तर प्रदेश को छह हिस्सों (प्रांतों) में बांटा गया है। इन प्रांतों के प्रभारियों को बेहतर तालमेल के साथ काम करने को कहा गया है। ये प्रभारी उन क्षेत्रों में संघ की गतिविधियां बढ़ाएंगे, जहां सपा-बसपा गठबंधन के बाद बीजेपी के जीतने की संभावना कम होती जा रही हो।
RSS strategy ” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2018/07/02/bjp2_3040541-m.jpg”>संघ करेगा नये मुद्दों की पहचान
सूत्रों की मानें तो आरएसएस की ओर से बीजेपी को स्पष्ट निर्देश मिले हैं कि अगर 2019 में फिर से कमल खिलाना है तो उसके लिये नये मुद्दों की पहचान करना बेहद जरूरी है। रणनीति के तहत भारतीय जनता पार्टी पर सरकार की उपलब्धियों का प्रचार-प्रसार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, वहीं संघ और उसके सहयोगी संगठन उन नये मुद्दों की पहचान करेंगे, जो लोगों से सीधे तौर पर जुड़े हैं और इन मुद्दों का फायदा आगामी आम चुनाव में मिल सकता है। मुद्दे मिलते ही उसे संगठित तरीके से लोगों के बीच ले जाने की रणनीति पर भी चर्चा हुई है।
सूत्रों की मानें तो आरएसएस की ओर से बीजेपी को स्पष्ट निर्देश मिले हैं कि अगर 2019 में फिर से कमल खिलाना है तो उसके लिये नये मुद्दों की पहचान करना बेहद जरूरी है। रणनीति के तहत भारतीय जनता पार्टी पर सरकार की उपलब्धियों का प्रचार-प्रसार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, वहीं संघ और उसके सहयोगी संगठन उन नये मुद्दों की पहचान करेंगे, जो लोगों से सीधे तौर पर जुड़े हैं और इन मुद्दों का फायदा आगामी आम चुनाव में मिल सकता है। मुद्दे मिलते ही उसे संगठित तरीके से लोगों के बीच ले जाने की रणनीति पर भी चर्चा हुई है।