ये भी पढ़ें- यूपी उपचुनावः यहां हो रही फर्जी वोटिंग, प्रत्याशी का आरोप- बुर्के की ली जा रही है आड़ निश्चित रूप से भाजपा के इस कदम से मायावती का बीजेपी के प्रति मूड भी बदला है। हालांकि, मायावती ने भाजपा को अपना हितैषी करार नहीं दिया, लेकिन सपा को अपना कट्टर विरोधी घोषित कर साफ कर दिया है कि 2022 में भाजपा उनकी मुख्य प्रतिद्वंदी पार्टी नहीं होगी। इससे भाजपा कुछ आश्वस्त है।
ये भी पढ़ें- अपहरण के बाद 12 वर्षीय छात्र का मर्डर, बोरे में मिली छात्र की लाश भाजपा से कोई गठबंधन नहीं- मायावती राज्यसभा चुनाव परिणाम घोषित होने और बसपा प्रत्याशी गौतम के निर्विरोध चुने जाने के तुरंत बाद मायावती ने कहा कि मैं पहले ही कह चुकी हूं कि आगामी विधान परिषद के चुनाव में सपा प्रत्याशियों की हराने के लिए बसपा भाजपा के पक्ष में मतदान करेगी। भाजपा को समर्थन वाले बयान पर मायावती ने सफाई देते हुए कहा कि भाजपा से हमारा कोई गठबंधन नहीं हुआ है और न ही होगा। हमने कहा था कि बसपा, समाजवादी पार्टी को हराने वाले किसी भी दल का साथ देंगे। सपा को हराने के लिए भाजपा या किसी भी अन्य दल को समर्थन देंगे।