10 सीटों को लिए गिनती जारी
उत्तर प्रदेश से राज्यसभा में 10वीं सीट के लिए भाजपा की ओर से एक अतिरिक्त उम्मीदवार उतार देने से मुकाबला दिलचस्प हो गया था। बसपा प्रत्याशी अनिल सिंह द्वारा बीजेपी के पक्ष में की गई क्रास वोटिंग से अखिलेश-मायावती की मुश्किलें बढ़ गई हैं। राज्यसभा की 10 सीटों को लिए गिनती जारी है। बीएसपी और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर साबित हो रही है।
बसपा ने दर्ज कराई आपत्ति
बसपा का कहना है कि उनके विधायक अनिल सिंह ने अपना वोट दिखाकर नहीं दिया है। इसके लिए बसपा ने चुनाव आयोग में आपत्ति दर्ज कराई है। इस आपत्ति को लेकर चुनाव आयोग ने वोटों की गिनती पर रोक लगा दी और अब आयोग की अनुमति का इंतजार किया जा रहा है।
दो विधायकों के जेल में बन्द रहने से पड़े 400 ही मतदान
राजा भैया के समर्थकों का कहना है कि उन्होंने और निर्दलीय विधायक विनोद सरोज ने जया बच्चन के पक्ष में मतदान किया है। जबकि भाजपा से जुडे लोग इससे अलग दावे कर रहे हैं। मतदान समाप्त होने के समय से एक घंटे पहले तीन बजे ही सभी मतदाताओं ने वोट डाले थे। 402 विधायकों को मतदान करना था लेकिन बसपा के मुख्तार अंसारी और सपा के हरिओम यादव के जेल में रहने की वजह से 400 मत ही पड़े।
नितिन अग्रवाल सपा छोड़कर भाजपा में हुए शामिल
बसपा विधायक अनिल सिंह ने भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया, जबकि सपा विधायक नितिन अग्रवाल ने भी भाजपा को वोट दिया। नितिन अग्रवाल के पिता नरेश अग्रवाल हाल ही में सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं। इसलिये यह माना जा रहा था कि नितिन अग्रवाल भाजपा उम्मीदवार को ही वोट देंगे। हालांकि तकनीकी तौर पर वह सपा विधायक ही हैं।
अनिल सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की भेंट
अनिल ने कहा कि मैंने महाराज को वोट दिया है। वोट डालने के बाद अनिल सिंह ने कहा कि उन्होंने बसपा से बगावत नहीं की है बल्कि वोट अंतरात्मा की आवाज पर दिया है। हम महाराज जी के साथ है। वोट लालजी वर्मा को दिखाकर दिया है। अनिल सिंह के इस कदम से उत्तर प्रदेश में बसपा मुखिया मायावती ? के साथ उनके प्रत्याशी भीमराव अंबेडकर को झटका लगा है। बसपा विधायक अनिल सिंह ने पार्टी प्रत्याशी को वोट नहीं दिया है। मतदान वोटिंग से कुछ घंटे पहले बहुजन समाज पार्टी के विधायक अनिल सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भेंट की थी।
उच्च सदन में बढ़ेगी बीजेपी की ताकत, पर बहुमत से दूर
अब राज्यसभा चुनाव में 10 सीटों के नतीजे आने बाकी रह गए हैं। यूपी की 10 राज्यसभा सीटों में से बीजेपी 8 सीटें जीत सकती है। इसके अलावा एसपी और बीएसपी को एक-एक सीटें मिल सकती है। हालांकि इस बढ़ोतरी के बावजूद भी बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के पास अब भी उच्च सदन में निर्णायक बहुमत नहीं है लेकिन उसकी ताकत जरूर बढ़ सकती है। राज्यसभा चुनाव के नतीजों के बाद 2019 के लिए बीजेपी और मजबूत हो सकती है।