बता दें कि अब्दुल्ला आजम दूसरी बार सदन की सदस्यता के अयोग्य घोषित किए गए है। इससे पहले 2020 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उनके चुनाव को रद्द कर दिया था। कोर्ट ने कहा कि वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में स्वार सीट से जीत हासिल करने वाले अब्दुल्ला चुनाव लड़ने के लिए निर्धारित न्यूनतम आयु 25 वर्ष से कम उम्र के थे। इसलिए उनकी सदस्यता रद्द की जाती है।
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत अगर किसी जनप्रतिनिधि को दो साल या उससे ज्यादा की सजा सुनाई जाती है तो उसे तत्काल विधानसभा की सदस्यता के अयोग्य मान लिया जाता है। सजा काटने के बाद वह छह और सालों तक चुनाव नहीं लड़ सकता।
मिर्जापुर की छानबे विधानसभा सीट पर अपना दल (एस) के राहुल कोल ने 2022 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज किया था। कई दिनों की बिमार के बाद उनका पिछले महीने मुंबई के अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया था। इसके बाद से यह सीट खाली हो गई थी।
उपचुनाव के ऐलान के बादल जब पत्रिका UP की टीम ने BJP के प्रदेश प्रवक्ता आलोक अवस्ठी से बात किया तो उन्होंने दोनों सीट पर पार्टी के जीत का दावा किया। उन्होंने कहा, “आज प्रदेश के लोगों ने देखा कि कैसे PM मोदी और CM योगी के नेतृत्व में प्रदेश में विकास हुआ है। प्रदेश में अपराधी आने से डरते है, गरीब कल्याण की योजनाओं से लोगों की जिंदगी बदली हैं।”
पत्रिका UP की टीम ने जब सपा नेता उदयवीर सिंह से उपचुनाव को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि सपा इन चुनावों को लेकर पूरी तरह से तैयार है। लेकिन सबने देखा कि सरकार ने रामपुर के उपचुनाव में कैसे वोट नहीं डालने दिया। पुलिस प्रशासन सब BJP प्रत्याशी को जीताने में लगे रहे। सरकार ने लोकतंत्र को पूरी तरह से बर्बाद करने का काम किया। सरकार के अत्याचार का जवाब जनता खतौली के उपचुनाव की तरह सपा को दोनों सीटें जीताकर देगी।