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टिकट बंटवारे के बाद बीजेपी में भगदड़, इन नेताओं की बगावत से मुश्किल में पड़ी पार्टी, एक और सांसद छोड़ सकता है साथ!

locationलखनऊPublished: Mar 28, 2019 07:53:12 am

बीजेपी सत्ता विरोधी लहर से निपटने के लिए अपने कई सांसदों का टिकट काटने में लगी है…

BJP facing problem due to MP leaving party before 2019 Loksabha

टिकट बंटवारे के बाद बीजेपी में भगदड़, इन नेताओं की बगावत से मुश्किल में पड़ी पार्टी, एक और सांसद छोड़ सकता है साथ!

लखनऊ. 2014 में नरेंद्र मोदी को सत्ता तक पहुंचाने में यूपी का सबसे अहम योगदान था और इस बार भी बीजेपी इसी राज्य से बड़ी उम्मीद लगाए बैठी है। शायद यही कारण है कि बीजेपी सत्ता विरोधी लहर से निपटने के लिए अपने कई सांसदों का टिकट काटने में लगी है। बीजेपी की मंगलवार को घोषित प्रत्याशियों की सूची में भी यूपी के छह वर्तमान सासंदों का टिकट काटा गया है। इन सभी को मिलाकर उत्तर प्रदेश के लिए अब तक घोषित किए गए उम्मीदवारों के नामों पर गौर करें तो यह साफ हो जाता है कि अब तक 16 सांसदों के टिकट बीजेपी ने काट दिए हैं जबकि चार सांसदों की सीट बदल दी गई है। वहीं टिकट कटने के बाद पार्टी में अब बगावत का दौर भी शुरू हो गया है। यूपी के हरदोई जिले से भाजपा सांसद अंशुल वर्मा ने चुनाव से ठीक पहले पार्टी का साथ छोड़ दिया, जबकि अशोक दोहरे को लेकर भी कयासों का दौर शुरू हो चुका है।
अंशुल वर्मा सपा में शामिल

टिकट कटने से नाराज हरदोई से भाजपा सांसद अंशुल वर्मा समाजवादी पार्टी में शामिल हो गये। सपा प्रमुख अखिलेश यादव और पूर्व मंत्री आजम खान की मौजूदगी अंशुल वर्मा सपा में शामिल हो गये। टिकट काटे जाने से नाराज अंशुल वर्मा ने बुधवार को बीजेपी कैंपेन ‘मैं भी हूं चौकीदार’ पर तंज कसते हुए पार्टी से रिजाइन कर दिया। उन्होंने कहा कि मैंने आज बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में तैनात चौकीदार को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। दोपहर को वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गये। 2014 के लोकसभा चुनाव में अंशुल वर्मा हरदोई से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते थे। 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने उनका टिकट कैंसिल कर हरदोई से जय प्रकाश रावत को पार्टी प्रत्याशी बनाया है।

अशोक दोहरे को लेकर संशय

यूपी के इटावा से मौजूदा सांसद अशोक दोहरे का भी टिकट कट चुका है। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने भाजपा सांसद अशोक दोहरे की टिकट काटकर रामशंकर कठेरिया को चुनाव लड़ाने की घोषणा की। बसपा सरकार में मंत्री रहे अशोक दोहरे 2013 में बीजेपी में आए थे और 2014 का चुनाव जीतकर सांसद बने थे। लेकिन राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि टिकट कटने के बाद अशोक दोहरे वापस बसपा का दामन थाम सकते हैं। हालांकि अभी तक इसकी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हो सकी है।
इनके भी कटे टिकट

बीजेपी ने अपने जिन बड़े सांसदों के टिकट काटे हैं, इनमें कानपुर से मुरली मनोहर जोशी, हरदोई से अंशुल वर्मा, बाराबंकी से प्रियंका सिंह रावत, इटावा से अशोक दोहरे, झांसी से उमा भारती, मिश्रिख से अंजू बाला, देवरिया से कलराज मिश्रा, कुशीनगर से राजेश पांडे, रामपुर से नैपाल सिंह संभल से सत्यपाल, हाथरस से राजेश दिवाकर, फतेहपुर से सीकरी बाबू लाल, शाहजहांपुर से कृष्णा राज और बलिया से भरत सिंह शामिल हैं। बहराइच की सांसद सावित्री बाई फूले और प्रयागराज के सांसद श्यामाचरण गुप्ता पहले ही दूसरी पार्टी में जा चुके हैं। जबकि झांसी से उमा भारती और देवरिया से कलराज मिश्र ऐसे सांसद हैं जिन्होंने पहले ही चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर दिया था।
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