कौन हैं संयुक्ता
संयुक्ता भाटिया को टिकट के मजबूत दावेदार के तौर पर देखा जा रहा था। संयुक्ता के परिवार की पृष्ठभूमि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ी रही है। उनके पति सतीश भाटिया लखनऊ कैंट से भाजपा विधायक रहे हैं। पहली बार उन्होंने ही इस सीट पर भाजपा को जीत 1991 में जीत दिलाई थी।
संयुक्ता भाटिया को टिकट के मजबूत दावेदार के तौर पर देखा जा रहा था। संयुक्ता के परिवार की पृष्ठभूमि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ी रही है। उनके पति सतीश भाटिया लखनऊ कैंट से भाजपा विधायक रहे हैं। पहली बार उन्होंने ही इस सीट पर भाजपा को जीत 1991 में जीत दिलाई थी।
संयुक्त के बेटे प्रशांत भाटिया राष्ट्रीय स्वयं संघ के विभाग कार्यवाह (लखनऊ विभाग) हैं। चुनाव की घोषणा से पहले हुए इंटरव्यू के दौरान 80 फीसदी वॉर्ड संयोजकों और प्रभारियों ने उनके पक्ष में समर्थन दिया था।
इसके अलावा सूबे में भाजपा सरकार के गठन के बाद अगस्त 2017 में संयुक्ता को महिला आयोग का सदस्य भी नामित किया गया था। संयुक्ता की आरएसएस में अच्छी पकड़ मानी जाती है। कहा जा रहा है कि पार्षद उम्मीदवारों के चयन में आरएसएस की ख़ास नहीं चली इसी लिए मेयर पद को लेकर भाजपा पर ख़ासा दबाव था। घोषणा से पहले तक भाजपा खेमे के कई बड़े नेता इन दावेदारों के ऐलान के लिए सिफारिश कर रहे थे।
2012 में भी किया था नामांकन
बताते चलें कि 2012 के निकाय चुनाव के दौरान भी संयुक्ता के नाम की अटकलें लगाई जा रही थीं। यहां तक की संयुक्ता द्वारा नमानकन भी किया गया था। लेकिन भाजपा ने डॉ दिनेश शर्मा के नाम पर मोहर लगा दी थी जिसके बाद संयुक्ता ने अपना नाम वापस ले लिया था।
बताते चलें कि 2012 के निकाय चुनाव के दौरान भी संयुक्ता के नाम की अटकलें लगाई जा रही थीं। यहां तक की संयुक्ता द्वारा नमानकन भी किया गया था। लेकिन भाजपा ने डॉ दिनेश शर्मा के नाम पर मोहर लगा दी थी जिसके बाद संयुक्ता ने अपना नाम वापस ले लिया था।
अवधेश ने बताया कि मेयर पद के लिए संयुक्ता का नाम चुन लिया गया है। देर रात भाजपा की ओर से पार्षदों की सूची जारी की जा सकती है।