यह बन सकते हैं एमएलसी आपको बता दें कि पांच जुलाई को खाली हुई विधान परिषद की चार सीटों पर कौन जाएगा, इसकी घोषणा अगले दो-तीन दिन में पार्टी कर देगी। बताया जा रहा है कि हाल ही में कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए ब्राम्हण समाज के नेता और निषाद समाज से एमएलसी बनाया जा सकता है। मंत्रिमंडल विस्तार होने पर उसमें भी इन दोनों को जगह मिलने की संभावना है। तीसरी सीट राजभर समाज के किसी नेता को दी जा सकती है। इस रेस में हाल ही में बसपा से बाहर किए गए पूर्वांचल के एक कद्दावर नेता की चर्चा है। इस नेता के परिवार से कोई एमएलसी बनाया जा सकता है। वहीं भाजपा से चौथी सीट कायस्थ समाज को दिए जाने की चर्चा है। कायस्थ समाज से इसके लिए तीन नामों की चर्चाएं हैं। महज दो-तीन साल पहले विभिन्न दलों से होते हुए भाजपा में आए एक नेता का नाम तेजी से चर्चा में है। वहीं दो अन्य नेताओं के नाम भी रेस में हैं जो पार्टी संगठन से जुड़े हैं।
ब्राह्मण समाज पर बसपा की भी नजर वहीं बसपा की नजर भी ब्राह्मण समाज पर है। ब्राह्मण वोट को पाने के लिए बसपा 23 जुलाई से अभियान की शुरुआत करने जा रही है। यह अभियान अयोध्या से पार्टी के महासचिव और सांसद सतीश चंद्र मिश्रा की अगुवाई में शुरू हो रहा है। इसके लिए ब्राह्मण सम्मेलन शुरू किए जा रहे हैं। मायावती ने कहा कि अब समय आ गया है कि ब्राह्मण फिर से बसपा के साथ जुड़ जाएं क्योंकि 2007 के चुनाव में ब्राह्मण बसपा के साथ जुड़े थे और प्रदेश में बसपा की सरकार बन गई थी। बसपा ने भी ब्राह्मणों के हितों का पूरा ध्यान रखा था। मायावती ने कहा कि ब्राह्मण बीजेपी को वोट देकर पछता रहे हैं। आने वाले विधानसभा चुनाव में ब्राह्मणों को फिर से बसपा के साथ आ जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस ने दलितों को पिछले चुनाव में बहकाने की खूब कोशिश की थी और उनके साथ खूब खिचड़ी खाई और खिलाई लेकिन उन्हें दलितों पर गर्व है क्योंकि दलित उनके बहकावे में नहीं आए।