भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर एक युवती के साथ रेप और फिर उसके पिता की हत्या का मुकदमा लिखा गया था। इस मुकदमे के लिखे जाने के बाद जब विवाद हुआ तो सरकार ने पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। सीबीआई जांच के दौरान ही आरोपिता के पिता जो उन्नाव जेल में बंद थे उनकी हत्या कर दी गई। इस हत्या के षडय़ंत्र का आरोप भी कुलदीप सिंह सेंगर और उनके भाई पर लगा। सीबीआई ने पहले उनके भाई को गिरफ्तार किया और बाद मे कुलदीप सिंह को भी अरेस्ट कर लिया।
पिछले हफ्ते सीबीआई ने अपनी जांच रिपोर्ट कोर्ट के सामने पेश की। सीबीआई की जांच रिपोर्ट में हत्या के आरोप में कुलदीप सिंह सेंगर का नाम नहीं था। जबकि कुलदीप सिंह सेंगर के भाई का नाम इस हत्या में दर्शाया गया। इसके बाद सीबीआई की रिपोर्ट पर सवाल उठने लगे तो कहा जाता है कि उसके बाद सीबीआई ने अदालत के सामने दी गई जांच रिपोर्ट में कहा कि रेप और पास्को एक्ट के तहत सेंगर दोषी है।
सीबीआई द्वारा द्वोष निर्धारित करने के बाद जब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पांडेय से पूछा गया कि क्या वे कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ कोई कार्रवाई करेंगे तो उन्होंने कहा कि अभी मामला अदालत में विचाराधीन है। अगर अदालत उन्हें इस आरोप में सजा देगी तो उनपर कार्रवाई की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि कुलदीप ङ्क्षसह सेंगर पहले निर्दलीय विधायक हुआ करते थे। पिछली 2012 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने सपा की टिकट पर चुनाव लड़ा और विधायक हुए उसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्होने भाजपा का दामन थाम लिया और विधायक हो गए। अब विपक्ष यह सवाल कर रहा था कि क्या भाजपा अपने इन विधायक के खिलाफ कोई कार्रवाई करेगी।