कोर्ट ने दी सात दिन की रिमांड दरअसल सीबीआई सेंगर की 14 दिन के लिए रिमांड मांगी थी। हालांकि सुनवाई के दौरान बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के वकील सत्येन्द्र सिंह ने सीबीआई की 14 दिन की रिमांड की अर्जी का विरोध नहीं किया। इसको लेकर कोर्ट में काफी भी चर्चा होती रही। जिसके बाद कोर्ट ने उसे 21 अप्रैल की सुबह 10 बजे तक सीबीआई की रिमांड पर भेजा। सीबीआई की तरफ से केस के विवेचक डिप्टी एसपी आरआर त्रिपाठी ने कोर्ट में अर्जी लगाई थी। सीबीआई ने सेंगर की 14 दिन की रिमांड लेने के पीछे ये तर्क दिया था कि आरोपी विधायक काफी प्रभावशाली है और वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ करवा सकता है।
सेंगर को मिली ये राहत सुनवाई के दौरान बीजेपी के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को सीबीआई कोर्ट ने एक बड़ी राहत जरूर दी है। इस राहत के तहत कुलदीप सिंह सेंगर सीबीआई रिमाण्ड अवधि के दौरान रोज सुबह 10 बजे और शाम 6 बजे अपने वकीलों से कानूनी राय ले सकता है। कोर्ट ने सीबीआई को आदेश दिया कि इसके लिए विधायक को छूट दी जाए और उसे अपने वकीलों से मिलने के लिए समय दिया जाए और अगर केस की छानबीन के दौरान आरोपी विधायक को सीबीआई कहीं बाहर ले जाती है तो उसका वकील उचित दूरी बनाकर उसके साथ रह सकता है, लेकिन केस की जांच में वकील कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा।
सेंगर के वकील ने की थी मांग दरअसल आपको बता दें कि सेंगर के वकील ने कोर्ट में मांग की थी कि रिमांड के दौरान उन्हें उसके साथ रहने दिया जाए। वकील ने दलील दी कि सीबीआई इस केस की जांच के दौरान फर्जी बरामदगी और झूठे बयान भी दर्ज करा सकती है। जिसके बाद कोर्ट ने आरोपी विधायक के वकील की अर्जी को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए कोर्ट ने सीबीआई को ये आदेश दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि रिमांड के दौरान सीबीआई सेंगर को प्रताड़ित नहीं करेगी और रिमांड खत्म होते ही आरोपी विधायक का मेडिकल कराकर उसे जेल में दाखिल किया जाए।
हंस कर खुद को नार्मल दिखाने की कोशिश जिस समय सीबीआई की टीम बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को कोर्ट में पेशी के लिए लाई। उस समय कोर्ट में मीडिया का काफी जमावड़ा लगा रहा। इस दौरान आरोपी विधायक ने खुद को काफी नार्मल दिखाने की कोशिश की। वह इस बीच कई बार हंसा भी। लेकिन जब तक मजिस्ट्रेट सुनील कुमार कोर्ट में नहीं आए तब तक वह बीच-बीच में कई बार परेशान भी दिखा। शाम करीब सवा चार बजे मजिस्ट्रेट के आने के बाद कोर्ट की कार्यवाही शुरू हुई। जिसके बाद विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने चैन की सांस ली।