सरकार से अभी तक नहीं मिला जवाब लखनऊ में उन्होंने बताया, ”संसदीय बोर्ड की बैठक में भी हमने इस मुद्दे को उठाया था। पूछा था कि राम मंदिर का निर्माण कब तक होगा? कोई जवाब नहीं मिला। गृहमंत्री से भी मिला था, लेकिन उन्होंने भी कोई उचित जवाब नहीं दिया। देश में करोड़ों हिन्दुओं को राम मंदिर निर्माण के लिए खुद आगे आकर एक और कारसेवा करनी चाहिए।” उन्होंने कहा कि वह सांसद होने से पहले एक हिंदू भी हैं और ये धार्मिक आस्था का मुद्दा है। इसी कारण वह रामलला के लिए छत चाहते हैं। बता दें कि कई संगठन मंदिर बनवाने के लिए अध्यादेश लाने का दबाव बना रहे हैं, जबकि विपक्ष विवादास्पद मुद्दे पर अदालत के फैसले की प्रतीक्षा करने के लिए कह रहा है।
14 याचिकाओं पर होगी सुनवाई प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एस के कौल की पीठ चार जनवरी को रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि मालिकाना हक मामले से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई कर सकती है. शीर्ष न्यायालय में वर्ष 2010 के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ 14 अपील दायर की गई है.।