scriptशिक्षा मित्र निराश न हों, बीजेपी सांसदों ने पीएम मोदी से की मदद की अपील | BJP MP writes letter to PM modi for the help of UP Siksha mitra | Patrika News

शिक्षा मित्र निराश न हों, बीजेपी सांसदों ने पीएम मोदी से की मदद की अपील

locationलखनऊPublished: Feb 14, 2018 12:01:19 pm

Submitted by:

Prashant Srivastava

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से निराश शिक्षा मित्रों के लिए नई उम्मीद जगी है। बीजेपी सांसदों ने पीएम मोदी से की मदद की अपील….

siksha mitra
लखनऊ. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से निराश शिक्षा मित्रों के लिए नई उम्मीद जगी है। बीजेपी के उत्तर प्रदेश के आधा दर्जन सांसदों ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर शिक्षा मित्रों को पुन: सहायक अध्यापक के पद पर बहाल करने के लिए कहा है। सहारनपुर के सांसद राधव लखनपाल, कैसरगंज के सांसद बृजभूषण शरण सिंह, बिजनौर के सांसद कुंवर भारतेंद्र सिंह, डुमरियागंज सांसद जगदंबिका पाल, बस्ती के सांसद हरीश द्विवेदी और धौरहरा के सांसद रेखा वर्मा ने ये पत्र लिखा है।
पीएम को लिखा पत्र

इन सांसदों ने आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र शाही के आग्रह पर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। सूत्रों के मुताबिक इन सांसदों ने सहायक अध्यापक के पद पर बहाल होने तक समान कार्य समान वेतन के आधार पर वेतन देने, नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर्स एजुकेशन के 23 अगस्त 2010 की अधिसूचना के पैरा 4 में शिक्षा मित्रों को शामिल कर टीईटी से छूट दिलाने और शिक्षा मित्रों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लेने की एसोसिएशन की मांग को प्रधानमंत्री तक पहुंचाया है।
बता दें कि समायोजन रद्द हो जाने के बाद शिक्षामित्र पाई-पाई को मोहताज हैं। कारण यह है कि उनको सात माह से मानदेय नहीं मिला है। इसके कारण उनके सामने एक नहीं ढेरों समस्याएं पैदा हो गई हैं। कई शिक्षामित्रों ने बीएसए से लेकर डीएम तक से शिकायत दर्ज कराई। फिर भी उन्हें मानदेय नहीं मिल सका। सिर्फ आश्वासन देकर उनको शांत कर दिया गया। इससे जिले के करीब 2200 शिक्षामित्र प्रभावित हैं।
मालूम हो कि सुप्रीमकोर्ट से शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द हो गया था। इससे जुलाई माह तक इनको प्रतिमाह सैलरी मिलती रही। उसके बाद अगस्त से इनको मानदेय दिया जाना है। इसको लेकर शासन ने भी कभी बार सख्ती दिखाते हुए तत्काल भुगतान करने के निर्देश दिए। इसके बावजूद शिक्षामित्रों को भुगतान नहीं हो सका।
कई शिक्षा मित्रों के हालात दयनीय

यूपी के कुछ जिलों में शिक्षा मित्रों का हालात बेहद खराब हैं। सीतापुर में शिक्षामित्र अपने बच्चे की फीस नहीं जमा कर पा रहे हैं। इससे कॉलेज द्वारा उनको बराबर नोटिस दिया जा रहा है। अब तो और भी परेशानी उत्पन्न होने वाली है। क्योंकि कुछ दिन बाद होली का त्यौहार है, जिसमें उनको पैसे की जरूरत होगी। लेकिन विभाग उनको मानदेय के बजाए केवल आश्वासन दे रहा है।
शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द हो चुका है। लेकिन मूल विद्यालय वापस नहीं हुए हैं। इससे वह पहले तैनाती वाले स्कूलों में ही पढ़ा रहा हैं। समायोजन में उनको 50 से 100 किमी. दूर के विद्यालय मिले थे। जब वेतन मिलता था तो उनको कोई परेशानी नहीं आती थी। अब तो उनको 10 हजार रुपये मानदेय मिलेगा। ऐसे में वह काफी दूर चलने के बाद स्कूल में रेग्यूलर पढ़ाने के बाद भी मानदेय के लाले पड़े हैं।
ये था ऑर्डर

सुप्रीम कोर्ट का जो ऑर्डर आया था उसमें SC ने शिक्षामित्रों की सहायक अध्यापक के रूप में नियमितीकरण को गैरकानूनी ठहराया था। हालांकि कोर्ट ने कहा कि शिक्षामित्रों को शिक्षक भर्ती की औपचारिक परीक्षा में बैठना होगा और उन्हें लगातार दो प्रयासों में यह परीक्षा पास करनी होगी लेकिन शिक्षा मित्र इस फैसले काफी निराश चल रहे हैं।

ट्रेंडिंग वीडियो