इस लिए माया पर नहीं दिखा रही सख्ती यूपी में दलित वोट आज भी मायावती के साथ है। मायावती की दलित राजनीति में काफी पकड़ है। भाजपा को भी यह बखूबी मालूम है कि अगर मायावती पर आक्रामक रूख अपनातें हैं तो दलित वोट पूरा का पूरा मायावती की तरफ सिफ्ट हो जाएगा ऐसे में भाजपा मायावती पर हमला करने से बच रही है। गेस्टहाउस ***** के दौरान भाजपा के उस समय के कद्दावर नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी ने मायावती को बचाने में अहम भूमिका निभाई थी। बतादें कि 1995 में बीजेपी ने गेस्ट हाउस कांड के बाद मायावती को सीएम की कुर्सी पर बैठने में काफी सपोर्ट किया था।
अखिलेश पर हमला, माया पर नरमी बीजेपी मायावती पर नरम रूख अपना रखा है। बतादें कि मायावती ने 13, माल एवेन्यू बंगले को आलीशान बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रखी थी। दो जून को बीएसपी सुप्रीमो ने १३-ए माल एवेन्यू को अपना सरकारी बंगला खाली कर दिया था। वहीं इस दौरान उन्होंने मीडिया को बंगला दिखाते हुए कांशीराम मेमोरियल का दावा ठोंक दिया था। मायावती के इस कदम को अपनी दलित पहचान और पार्टी के कोर वोट बैंक को मजबूत करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। मायावती के इस दावे पर भाजपा भी चुप्पी साध रखी है।
दलित वोटर्स पर हैं नजरें यूपी की योगी सरकार मायावती के खाली किए गए सरकारी बंगले को कांशीराम मेमोरियल बनाने पर विचार कर रही है। राजनीतिक विश्लेषकों को मानना है कि भाजपा कांशीराम मेमोरियल पर कोई विवाद खड़ा करना नहीं चाहती है, क्यों कि उसे मालूम है अगर इस मामले अगर विरोध में कुछ कहा तो दलित वोटर्स नाराज हो जाएगा और उसका खामियाजा 2019 के लोकसभा चुनाव में भुगतना पड़ सकता है। भाजपा को 2014 के चुनाव में दलितों का भारी समर्थन मिला था।
हंसी उड़ाते हुए कहा था कि चोर की दाढ़ी में तिनता बीजेपी की अक्सर यही कोशिश रहेगी कि 2019 में एकजुट विपक्ष के खिलाफ मोर्चा न खोल कर उसकी एकता को तोड़ दिया जाए। अखिलेश यादव पर ताजा हमलों में बीजेपी ने टोटी के मुद्दे को आक्रामक तरीके से उठाया है। वहीं अखिलेश ने बंगला मामले में बुधवार को हाथों में टोटी लिए आक्रामक तरीके से भाजपा पर हमला बोला था। वहीं यूपी सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने अखिलेश की प्रतिक्रिया की हंसी उड़ाते हुए कहा था कि चोर की दाढ़ी में तिनता।