सबसे ज्यादा अनुशाषित माने जाने वाली पार्टी भाजपा में 21 लोगों के टिकट कटने की खबरों के बीच सबसे ज्यादा गृहक्लेश मचा हुआ है। किसे टिकट मिलेगा किसे नहीं इसको लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। भारतीय जनता पार्टी ने अपने सहयोगी दलों अपना दल एस अौर सुभासपा को दो-दो सीटें देकर पहले से चली आ रही खटास को कम करने की कोशिश की है, लेकिन उसकी मुश्किलें कम नहीं हुई है।
समाजवादी पार्टी अौर बहुजन समाज पार्टी ने तो गठबंधन करके अपने 42 -43 नेताअों को पहले से ही नाराज कर दिया है। टिकट कट जाने की वजह से लंबे समय से चल रही उनकी चुनावी तैयारी ठप हो गई वे अब अपने लिए नए दलों मेंं ठिकाना तलाश रहे है। गठबंधन ने जहां प्रत्याशी उतारे भी है वहां भी असहयोग की स्थिति बनी हुई है। मायावती अौर अखिलेश यादव के लाख समझाने के बावजूद एक दूसरे को सहयोग को राजी नहीं है। यही वजह है कि अभी केसरगंज से संतोष तिवारी को पार्टी से मायावती ने निकाल दिया है। फतेहपुर में बसपा के सुखदेव प्रसाद वर्मा के खिलाफ खींचतान चल रही है।
कांग्रेस में आए नए मेहमानों अौर गठबंधन के कारण कई सीटों पर प्रत्याशी न उतारने पर असंतोष फूट पड़ा है। इसी तरह कांग्रेस ने सपा से आए पूर्व सांसद राकेश सचान को टिकट दे दिया है। इससे वहां विद्रोह की स्थिति पैदा हो गई है। यहां टिकट वितरण का जमकर विरोध हुआ अौर बगावत तक की चेतावनी दे दी गई। कमोवेश यही हालात समूचे उत्तर प्रदेश में देखने को मिल रही है।