प्रदेश प्रवक्ता के मुताबिक मुख्यमंत्री रहते सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने सरकारी खर्च पर करोड़ो रूपये की लग्जरी मर्सिडीज गाड़ी न केवल खुद के लिए खरीदी थी बल्कि पिता मुलायम सिंह यादव को भी सरकारी खर्च पर करोड़ो रूपये की लग्जरी मर्सिडीज कार खरीद कर दी थी। बंगले पर फिजूलखर्ची में मायावती जी और अखिलेश यादव में कड़ी प्रतिस्पर्धा रही है। महंगे इलेक्ट्रानिक स्विच और टोटिंया जनता के पैसों पर खर्च कर लगाई गई थी और जाते-जाते निकाल भी ली गई थी, जिसे पूरे देश ने देखा है।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश की बागडोर संभालते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मितव्ययता और सादगी की कार्यसंस्कृति की शुरुआत की थी। सरकार बदलते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों के बंगलों को संवारने में किसी भी तरह के फिजूलखर्च पर कठोरता से रोक लगाई और स्वयं अपने लिए मंहगी गाड़ी खरीदने से इंकार कर पुरानी गाड़ी से चलना स्वीकार किया। दूसरे जिलों की यात्रा पर जाने के दौरान महंगे होटलों में न रुककर मुख्यमंत्री ने सरकारी गेस्ट हाउस में रुकना शुरू किया। समारोहों में महंगे गुलदस्ते भेंट करने की परंपरा को रोका। महंगे निजी सभागारों में सरकारी आयोजनों को प्रतिबंधित किया। प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि ऐसे कदमों से प्रदेश सरकार ने फिजूलखर्ची को रोककर बचने वाले धन को अधिक से अधिक जनकल्याण कार्यक्रमों में लगाने का प्रयास शुरू किया है।