प्रदेश अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों ने अपने सरकारी बंगले खाली किए लेकिन कोठी में तोडफोड़ के चलते सिर्फ अखिलेश यादव ही चर्चा में है। अखिलेश जी ऊहापोह में है। कभी कह रहे है कि उनके बंगला खाली करने के बाद सामान गायब हुआ और कभी कहते है कि उन्होंने अपने धन से बंगले में सामान लगाया था, जिसे वह ले गए है। अखिलेश जी की बौखलाहट इस हद तक बढ़ चुकी है कि बंगले का नाम आते ही वह पत्रकारों और अधिकारियों को धमका रहे है। बंगले में दीवारे तोड़ी गई, जनता इसकेे पीछे की हकीकत भी जानना चाहती है।
डाॅ पाण्डेय ने कहा कि सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुॅचाने के अखिलेश यादव के आचरण से प्रदेश की जनता आहत है। उसे इस बात का अफसोस कि इस तरह के ओछे आचरण का व्यक्ति कभी मुख्यमंत्री के तौर पर प्रदेश का मुखिया रहा है। अखिलेश यादव जी को साहस दिखाते हुए अपने गलती को स्वीकार करना चाहिए और ईमानदारी से सरकारी सामान को वापस करना चाहिए। वह एक क्षेत्रीय पार्टी के मुखिया है। उनके इस हल्के आचरण से उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओ का मनोबल कमजोर हुआ होगा। अपने कार्यकर्ताओं के मनोबल और जनता में अपनी विश्वास बहाली के लिए अखिलेश यादव टोंटी, टाइल्स ले जाने और तोड़फोड करने की बात बडे मन से स्वीकार करे और जनता से क्षमा मांगे।