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भाजपा ने योजना आयोग से कहा गायों के लिए कुछ और अच्छा करने की जरूरत

locationलखनऊPublished: Oct 21, 2019 08:32:27 pm

Submitted by:

Anil Ankur

15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष व अन्य सदस्यों के साथ बैठक : विभिन्न विषयों पर BJP के तरफ से ध्यानाकर्षण

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BJP told Planning Commission that there is a need to do something bett

लखनऊ. भारतीय जनता पार्टी के प्रतिनिधि मण्डल ने आज पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष जेपीएस राठौर के नेतृत्व में राजधानी लखनऊ में 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष व अन्य सदस्यों के साथ हुई बैठक में विभिन्न विषयों पर पार्टी के तरफ से उनका ध्यानाकर्षण कराया।

पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष जेपीएस राठौर ने कहा कि उ0प्र0 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा सरकार के गठन के बाद से ही अपराध कम हुआ है और निवेश बढ़ा है इसलिए आयोग से भी आग्रह है कि उ0प्र0 के विकास में वह अधिक से अधिक से अधिक सहयोग और मदद दे।
श्री राठौर ने योजना भवन में 15वें वित्त आयोग के समक्ष पार्टी का पक्ष रखते हुए आयोग को 12 विन्दुओं पर अवगत कराते हुए कहा कि
1- देष का 2024 तक 5 ट्रिलियन डालर अर्थव्यवस्था का लक्ष्य है, उसमें उत्तर प्रदेष का 1 ट्रिलियन डालर योगदान का संकल्प है।
2- उत्तर प्रदेष ने एफ.आर.बी.एम. एक्ट को प्रभावी तरीके से क्रियान्वित किया है। इस निश्पादन को सी.आई.आई. द्वारा राजकोशीय निश्पादन एवं संकेतक (एफ.पी.आई.) के मानकों पर प्रदेष को सराहा गया है। वित्तीय अनुषासन को कड़ाई से लागू करने वाले राज्यों को संरक्षित एवं प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
3- गाँव को षहर सदृष/षहर समतुल्य अवसंरचना एवं सुविधाएं प्रदान करने की दृश्टि से संसाधनों के वितरण में सूत्र तय हों ताकि श्स्मार्ट गाँवश् के विकास पर कार्य हो सके। इससे जहाँ षहरी आबादी के केन्द्रीकरण पर रोक लगेगी, वहीं बड़े षहरों की पर्यावरण चुनौतियों का भी समाधान निकल पायेगा।
4- उत्तर प्रदेष का वनावरण कम है। इस वर्श हमने प्रदेष में 22 करोड़ पौधारोपण किया है, और अगले वर्श 25 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य लिया है। लेकिन उन पौधों को बचाना हमारे लिए बड़ी चुनौती है। अतः वृक्षारोपण व उनके संरक्षण के लिए हमको अधिक से अधिक वित्तीय सहायता मुहैया करायी जाये ताकि, हम जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का प्रभावी रूप सामना कर सकें।
5- संरक्षित वन क्षेत्र की अवधारणा के पैटर्न पर संरक्षित जल क्षेत्र की अवधारणा को विकसित एवं प्रोत्साहित करने की जरूरत है। इसके लिए संसाधन मुहैया कराने हेतु मा0 आयोग अपनी संस्तुतियों में विचार करे।
6- नगर पंचायत/नगर पालिका/नगर निगम में सीवरेज सिस्टम लगाने व अपषिश्ट प्रबंधन कर गैस व बिजली उत्पादन के लिए वित्तीय सहयोग किया जाना चाहिए।
7- ग्रामीण क्षेत्रों में तहसील स्तर पर एकीकृत कार्यालय परिसर (मिनी सेक्रेटिएट) विकसित किया जाना चाहिए।
8- धार्मिक व सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण स्थलों को सुविधा सम्पन्न बनाने हेतु संसाधन मुहैया कराये जायें। यथा श्राम वन गमन पथश् का निर्माण तथा उसके आसपास के षहरों एवं कस्बों को पर्यटन की दृश्टि से सुविधा सम्पन्न बनाया जाये।
9- आयुर्वेद अस्पतालों को सुविधा सम्पन्न बनाया जाये, ताकि 21वीं सदी की स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान किया जा सके। औशधीय पौधों की खेती को प्रत्साहित एवं सवंर्धित किया जाना चाहिए।
10- बीमार होती मिट्टी के उपचार के लिए गोसंबर्धन एवं जैविक खेती के माध्यम से बेहतर भूमि एवं कृशि प्रणाली विकसित किया जाये। षुश्क कृशि तकनीकी, बुंदेलखण्ड के कृशकों तक पहुँचे, इस दृश्टि से वित्तीय संसाधन मुहैया कराये जायें।
11- उच्च षिक्षा के लिए नये विष्वविद्यालयों व संस्थानों की स्थापना करना तथा वर्तमान विष्वविद्यालयों व संस्थानों को वैष्विक मानको के अनुरूप विकसित किया जाना चाहिए।
12- प्रति व्यक्ति ऊर्जा उपभोग को दृश्टिगत रखते हुए संसाधनों का अंतरण इस प्रकार किया जाये कि कम उपयोग वाले राज्य अपनी स्थिति बेहतर कर सकें।
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