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2019 लोकसभा चुनाव-ओबीसी और दलित हितैषी बनने की जंग

locationलखनऊPublished: Aug 11, 2018 06:33:12 pm

Submitted by:

Ashish Pandey

भाजपा, सपा और बसपा ओबीसी और दलित वोटों को अपने पाले में लाने के लिए कर रहें हैं।
 

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2019 लोकसभा चुनाव-ओबीसी और दलित हितैषी बनने की जंग

लखनऊ. जैसे-जैसे लोकसभा का चुनाव नजदीक आता जा रहा है। पार्टियों की तैयारियां भी वैसे-वैसे तेज होती जा रही हैं। भाजपा, सपा और बसपा के बीच दलित और ओबीसी का हितैषी बनने की जंग छिड़ चुकी है। सभी पार्टियां इन दोनों वर्गों को अपने-अपने पाले में लाने के लिए जी तोड़ कोशिश कर रही हैं। वहीं भाजपा सपा और बसपा से आगे निकलती दिख रही है। कर्पूरी ठाकुर, सुहेल देव और कबीर भाजपा के नए आइटम हो गए हैं। भाजपा अब इनको लेकर 2019 के चुनाव में अपनी सियासी गणित बैठाने में जुट गई है।
कर्पूरी ठाकुर के नाम हर जिले में होगी सड़क
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और खांटी समाजवादी रहे कर्पूरी ठाकुर को समाजवादी पार्टी काफी महत्व देती रही है। अखिलेश यादव की सरकार के समय कर्पूरी ठाकुर के जन्म दिन पर यूपी में अवकाश घोषित किया गया था। अब अखिलेश और मुलायम सिंह यादव के इस नेता को भाजपा आगामी चुनाव में भुनाने जा रही है। राजधानी लखनऊ में गुरुवार को पिछड़ा वर्ग सम्मेलन में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने हर जिले में एक सड़क का नाम बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के नाम पर किए जाने की घोषणा की है। कर्पूरी ठाकुर के बहाने भाजपा पिछड़े वर्ग के वोटों पर अपनी नजरें गड़ाए हुए हैं।
भाजपा बनवाएगी सुहेलदेव का ‘भारत विजयÓ स्मारक

राजा सुहेलदेव को लेकर भाजपा दलित वर्ग के वोटों पर अपनी नजरें गड़ाए हुए है। बुधवार को यहां आयोजित राजभर सम्मेलन में सीएम योगी ने कहा कि आज की पीढ़ी के लिए महाराजा सुहेलदेव अनुकरणीय हैं। महाराजा सुहेलदेव ने महमूद गजनवी के भांजे सैयद सालार मसूद गाजी को मारकर हिंदू धर्म की रक्षा की, लेकिन सुहेलदेव का नाम इतिहास से हटा दिया गया। उनकी गाथा चित्तौड़ की माटी में आज भी गाई जाती है। बहराइच के चित्तौड़ा की मिट्टी में महक रही महाराजा सुहेलदेव की गाथा प्रदेश और देश की जनता भी सुन सके, इसके लिए वहां सुहेलदेव का ‘भारत विजयÓ स्मारक बनाया जाएगा।
वहीं पिछले दिनों यूपी के मगहर में 28 जून को भाजपा द्वारा आयोजित रैली में पीएम मोदी ने यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए कबीर की महिमा का बखान करते हुए कांग्रेस-सपा और बसपा पर तीखे हमले किए।
भाजपा कर्पूरी ठाकुर के सहारे पिछड़ी, सुहेलदेव के सहारे दलित और कबीर के सहारे मुस्लिम वोटों पर भी अपने नजरें टिकाए हुए है। भाजपा की इस राजनीतिक चाल से सपा-बसपा और कांग्रेस अब सोचने पर मजबूर हो गए हैं कि भाजपा के इस चाल की काट क्या निकाली जाए।
सहेल देव

सुहेलदेव श्रावस्ती से अर्ध-पौराणिक भारतीय राजा थे, जिन्होंने 11वीं शताब्दी की शुरुआत में बहराइच में गज़ऩवी सेनापति सैयद सालार मसूद ग़ाज़ी को पराजित कर मार डाला था। 1950 और 1960 के दशक के दौरान, स्थानीय राजनेताओं ने सुहेलदेव को पासी राजा बताना शुरू किया। पासी एक दलित समुदाय है और बहराइच के आस-पास एक महत्वपूर्ण वोटबैंक भी है। धीरे-धीरे पासी ने सुहेलदेव को अपनी जाति के सदस्य के रूप में महिमा मंडित करना शुरू कर दिया। बहुजन समाज पार्टी ने मूल रूप से दलित मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए सुहेलदेव मिथक का इस्तेमाल किया। बाद में, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने भी दलितों को आकर्षित करने के लिए इसका इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। सुहेलदेव को लेकर भाजपा अब दलित वोटों पर अपनीं नजरें लगाए हुए है।
कर्पूरी ठाकुर
कर्पुरी ठाकुर स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक, राजनीतिज्ञ तथा बिहार के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके थे। भारत छोड़ो आन्दोलन के समय उन्होंने 26 महीने जेल में बिताए थे। सामाजिक रूप से पिछड़ी किन्तु सेवा भाव के महान लक्ष्य को चरितार्थ करती नाई जाति में जन्म लेने वाले इस महानायक ने राजनीति को भी जन सेवा की भावना के साथ जिया। उनकी सेवा भावना के कारण ही उन्हें जन नायक कहा जाता था, वह सदा गरीबों के हक़ के लिए लड़ते रहे। मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने पिछड़ों को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया।
कबीर दास
कबीर दास की हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोगों में काफी लोकप्रियता थी। भाजपा अब कबीर दास को लेकर मुस्लिम वोटों पर भी अपनी नजरें गड़ाए हुए है। भाजपा ने मगहर में एक विशाल रैली कर विरोधियों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। वहीं तीन तलाक को लेकर भाजपा मुस्लिम वोटों को अपने पाले में लाने के लिए भी जोरआजमाइश कर रही है।
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