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अब परिषद में नहीं दिखेंगे अखिलेश यादव के ये चहेते

locationलखनऊPublished: Feb 15, 2018 03:53:01 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

विधानपरिषद की सीटों को लेकर राजनीतिक दलों में अभी से जोड़-तोड़ शुरू हो गयी है

akhilesh yadav
लखनऊ. विधानपरिषद की सीटों को लेकर राजनीतिक दलों में अभी से जोड़-तोड़ शुरू हो गयी है। कौन जीतेगा कौन हारेगा इसका फैसला तो बाद में होगा लेकिन खाली होने वाली 13 सीटों में से 10 सीटों पर भाजपा की मुहर लगना तय है। पांच मई को विधानपरिषद की सीटें खाली हो रही हैं। ऐसे में 13 सीटों में से 10 सीटें भाजपा के हिस्से में आना तय है। इन 10 सीटों में से भी 2 सीटें मौजूदा मंत्रियों के हिस्सा में जाना तय माना जा रहा है। राजनीतिक दलों पर जीत की मुहर लगाने के लिए पार्टियों में जोरों पर तैयारियां शुरू हो गयी हैं।
इस्तीफा देने वाले एमएलसी को मिल सकती है जगह

जिन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ , उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य , डॉ. दिनेश शर्मा और परिवहन राज्य मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह और अल्पसंख्यक राज्य मंत्री मोहसिन रजा को मंत्रिमंडल बरकरार रखने के लिए इस्तीफा देना पड़ा था। उन्हें अपनी सदस्यता का त्याग करना पड़ा था। समाजवादी पार्टी से इनमें आए बुक्कल नवाब, यशवंत सिंह, अशोक बाजपेई, सरोजनी अग्रवाल और बसपा से आए ठाकुर जयवीर सिंह हैं। इस्ताफा देने वाले एमएलसी को भी विधानपरिषद की सीटों में मिल सकती है जगह।
मोहसिन रहेंगे पांच साल तक मंत्री

13 में से 10 सीटें भाजपा के हिस्से में आना तय माना जा रहा है। इनमें अल्पसंख्यक राज्य मंत्री मोहसिन रजा और ग्राम्य विकास राज्य मंत्री डा. महेन्द्र सिंह हैं। इन दोनों का कार्यालय पांच मई को खत्म हो रहा है। ये पहले ही तय हो गया था कि मोहसिन केवल एक साल के लिए ही एमएलसी रहेंगे। मोहसिन रज़ा के स्थान पर किसी दूसरे मुस्लिम को मंत्री बनने का अवसर देने के विचार पर भाजपा नेतृत्व फिलहाल तो राज़ी नहीं दिखता है। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष जेपीएस राठौर का कहना है कि पार्टी इस प्रकार धोखेबाजी की संस्कृति में विश्वास नहीं करती है। बची कुछ सीटों में पार्टी के दूसरे पदाधिकारियों और बड़े नेताओँ को लिया जाएगा।

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