scriptविपक्ष का आरोप – ईवीएम की टूटी सील से जीती भाजपा | BJP Won Sikandara Vidhansabha By Election after EVM Tempering | Patrika News

विपक्ष का आरोप – ईवीएम की टूटी सील से जीती भाजपा

locationलखनऊPublished: Dec 24, 2017 05:18:52 pm

Submitted by:

Laxmi Narayan

Sikandara Vidhansabha By Election 2017 – भाजपा की जीत पर विपक्ष ने सवाल उठाये हैं।

evm tempering
लखनऊ. कानपुर देहात की सिकंदरा विधान सभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा की जीत पर सपा ने धांधली और सरकारी मशीनरी के दुरूपयोग का आरोप लगाया है। समाजवादी पार्टी ने कहा है कि मतगणना के दौरान जब ईवीएम की सील टूटी होने की बात सामने आई तो प्रशासन ने उसका संज्ञान क्यों नहीं लिया। प्रशासन ने सभी विपक्षी दलों और मीडिया को वहां से बाहर कर दिया। प्रशासन ने सरकार की मदद की है। सपा प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा कि भाजपा को यह जीत सील टूटी ईवीएम के कारण मिली है।
भाजपा प्रत्याशी की हुई जीत

सिकंदरा सीट पर समाजवादी पार्टी की कैंडिडेट सीमा सचान को हराते हुए भारतीय जनता पार्टी के अजीत पाल चुनाव जीतने में सफल रहे। भाजपा प्रत्याशी को 73284 वोट मिले जबकि सपा प्रत्याशी को 61423 वोट मिले। भाजपा प्रत्याशी ने 11861 वोटों से जीत हासिल की है। इस विधानसभा उपचुनाव में भाजपा संगठन ने पूरी ताकत झोंक दी थी। एक ओर जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित दोनों उप मुख्यमंत्रियों और पार्टी पदाधिकारियों ने सिकंदरा में चुनाव प्रचार में हिस्सा लिया तो दूसरी ओर चुनाव प्रबंधन सँभालने के लिए चार विधायकों की ख़ास तौर से ड्यूटी लगाई गई थी। किदवई नगर से विधायक महेश त्रिवेदी, घाटमपुर से विधायक निर्मला शंखवार, बिठूर से विधायक अभिजीत सिंह सागा और रनिया से विधायक प्रतिभा शुक्ला पूरे चुनाव अभियान के दौरान क्षेत्र में सक्रिय रहे। बूथ लेवल तक भगवा टोली को सक्रिय कर वोटरों को लामबंद करने का काम चला क्योंकि इस सीट को पार्टी और सरकार दोनों की प्रतिष्ठा का प्रश्न माना जा रहा था।
सहानुभूति की लहर का मिला लाभ

एक ओर जहां भगवा टोली बूथ लेवल तक चुनाव के प्रबंधन में जुटी थी तो दूसरी ओर सिकंदरा के लोगों ने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी अजीत पाल को सहानुभूति वोटों की भी सौगात दी। इस सीट पर अजीत पाल के पिता मथुरा पाल विधायक थे और उनके देहांत के बाद यह सीट खाली हुई थी। भाजपा ने इस सीट पर सहानुभूति वोटों को ध्यान में रखते हुए उनके बेटे अजीत पाल को टिकट देकर मैदान में उतारा। मुख्यमंत्री और भाजपा नेताओं ने चुनावी सभाओं में लोगों से अपील करते हुए कई बार कहा कि मथुरा पाल के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि उनके बेटे को वोट देकर चुनाव जिता दिया जाए। लोगों पर इस भावनात्मक अपील का अभी असर हुआ और अजीत चुनाव जंग में सिकंदर बने।