सीएम योगी का नया निशाना दरअसल मिशन 2019 को फतह करने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश की ज्यादा से ज्यादा लोकसभा सीटें बीजेपी के पाले में लाना चाहते हैं। इसी को देखते हुए उनकी और बीजेपी की नजर दूसरे दलों के कोर वोटबैंक पर टिक गई है। बीजेपी का नया निशाना अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के यादव वोटबैंक पर है। बीजेपी अब यादव वोटर्स को अपने पक्ष में करने के लिए खास प्लानिंग कर चुकी है। जानकारी के मुताबिक आने वाली 15 सितंबर को बीजेपी लखनऊ में यादव कार्यकर्ताओं का सम्मेलन आयोजित कर रही है। इस यादव सम्मेलन को कराने का मुख्य उद्देश्य सपा को कमजोर करकर और यादवों को अपने पक्ष में करना है।
सारे यादव नेता और कार्यकर्ताओं को बुलाया 15 सितंबर को लखनऊ में होने वाले बीजेपी के इस सम्मेलन में पूरे यूपी के बूथ लेवल से लेकर प्रदेश स्तर के सारे यादव नेता और कार्यकर्ताओं को आने का न्योता दिया गया है। भारतीय जनता पार्टी के एक बड़े ओबीसी नेता के मुताबिक सभी यादव नेता और कार्यकर्ताओं से उनका नाम, पता और मोबाइल नंबर लिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी सभी पिछड़ी जातियों के वोटबैंक को पक्का करना चाहती है, जिससे उसके लिए केंद्र का सफर आसान हो सके।
सपा के कोर वोटबैंक पर नजर आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में करीब 8 फीसदी यादव जाति के मतदाता हैं। जबकि ओबीसी समुदाय की जनसंख्या में यादव वोटबैंक 20 फीसदी के करीब है। बीजेपी को ये अच्छी तरह से पता है कि यूपी की लोकसभा 80 सीटों पर यादव वोटर्स का झुकाव समाजवादी पार्टी की तरफ ही रहता है। इसी को देखते हुए बीजेपी अब सपा का ये वोटबैंक अपने पक्ष में करना चाहती है। जिससे यूपी में लोकसभा की ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतकर केंद्र में दोबारा सरकार बनाई जा सके।