लखनऊ से फिल्म स्टार और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर, जावेद जाफरी, नफीसा अली, निर्माता निर्देशक मुजफ्फर अली तक ने लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन यहां किसी की दाल नहीं गली और इन सभी को राजधानी के मतदाताओं ने नकार दिया। मतदाताओं ने लोकसभा चुनावों में फिल्मी सितारों की चमक फीकी कर दी। उन्हें लखनऊ में हार का मुंह देखना पड़ा।
राज बब्बर भी लखनऊ से लोकसभा का चुनाव हार चुके हैं। उन्होंने 1996 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर यहां से लोकसभा चुनाव लड़ा था। राज बब्बर उस समय पापुलर फिल्म स्टार थे। इसके बावजूद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें एक लाख 18 हजार 671 वोटों से चुनाव हराया। फिल्म स्टार व कॉमेडियन जावेद जाफरी ने भी राजधानी में अपनी किस्मत आजमाई लेकिन उन्हें बुरी तरह का मुंह देखना पड़ा। 2014 के चुनाव में उन्हें केवल 41 हजार 429 वोट ही मिले। 2009 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर नफीसा अली ने भी अपनी किस्मत आजमाई लेकिन उन्हें भी यहां की जनता ने नकार दिया। उन्हें भाजपा के लालजी टंडन (वर्तमान राज्यपाल बिहार) ने लोकसभा चुनाव हरा दिया। नफीसा को केवल 61 हजार 457 वोट मिले।
1998 के लोकसभा चुनाव में सपा ने निर्माता-निर्देशक मुजफ्फर अली को मैदान में उतारा। बीएसपी ने लखनऊ के पूर्व मेयर दाऊजी गुप्ता को लड़ाया। मुजफ्फर अली भी अटल बिहारी वाजपेयी से दो लाख 16 हजार से ज्यादा वोटों से चुनाव हार गए।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने लखनऊ से कई बार जीत दर्ज की। लालजी टंडन ने भी एक बार जीत दर्ज की। इसके बाद 2014 में लखनऊ के लोगों ने राजनाथ सिंह को लोकसभा भेजा। इस बार फिर से वह चुनाव मैदान में हैं।
1999 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने कश्मीर के महाराजा हरि सिंह व महारानी तारादेवी के पुत्र डॉ. कर्ण सिंह को लखनऊ में उतारा। कर्ण सिंह कई बार केन्द्रीय मंत्री रह चुके थे, लेकिन वह भी हार गए। हालांकि उन्होंने अटल जी को कड़ी टक्कर दी थी। उन्हें दो लाख 39 हजार वोट जबकि अटल बिहारी को तीन लाख 62 हजार से ज्यादा वोट मिले थे। सपा ने अपने पूर्व मंत्री व प्रभावशाली नेता भगवती सिंह को मैदान में उतारा। उन्हें भी हार मिली।