Indu Sarkar Movie पर कांग्रेस-भाजपा आमने सामने, यह है विवाद का कारण
देश में आपातकाल पर आधारित Madhur Bhandarkar की फिल्म Indu Sarkar के रिलीज होने से पहले ही राजनैतिक बहस का केंद्रबिंदु बन गई है।
लखनऊ. देश में आपातकाल पर आधारित फिल्म डायरेक्टर Madhur Bhandarkar की फिल्म इंदु सरकार के रिलीज होने से पहले ही राजनैतिक बहस का केंद्रबिंदु बन गई है। फिल्म 1975 से 1977 के आपातकाल की घटनाओं पर आधारित है। मधुर भंडारकार इस फिल्म को लेकर सार्वजानिक रूप से कह चुके हैं कि इसका 70 प्रतिशत हिस्सा वास्तविक है जबकि 30 प्रतिशत काल्पनिक। Congress इस फिल्म का यह कहकर विरोध कर रही है कि इसमें काल्पनिक बिम्बों के माध्यम से इंदिरा गांधी की छवि ख़राब करने की कोशिश की गई है। वहीं दूसरी ओर BJP ने कांग्रेस को अभिव्यक्ति की आज़ादी का सम्मान करने की नसीहत दी है।
सामाजिक कार्यकर्ता और वरिष्ठ कांग्रेस कार्यकर्ता डॉ सुनील तिवारी कहते हैं कि इस फिल्म में बहुत सारी काल्पनिक चीजें डाली गई हैं। फिल्म में आपातकाल के दौरान सत्ता का केंद्र Sanjay Gandhi को बताया गया है जबकि सत्ता का केंद्र इंदिरा गाँधी के हाथ में था। तिवारी आगे कहते हैं कि यह फिल्म एक साजिश के तहत इंदिरा की छवि खराब करने के मकसद से बनाई गई है। यदि Indira Gandhi के बारे में बताना ही है तो यह बताया जाए कि उन्होंने सोवियत संघ और अमेरिका के बरक्स एक नई लाइन के रूप में भारत को खड़ा किया था। उन्होंने 1974 में पोखरण में परमाणु परीक्षण कराकर दुनिया को भारत की शक्ति का अहसास कराया। बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर समाजवाद गरीबों को बैंकों तक पहुंचाने का काम किया।
दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी Congress के विरोध को यह कहकर खारिज करती है कि उसे अभिव्यक्ति की आज़ादी का सम्मान करना चाहिए। भाजपा नेता चन्द्रभान राय कहते हैं कि कांग्रेस अब तक दूसरों के लिये अभिव्यक्ति की आज़ादी की वकालत करती रही है लेकिन इंदिरा गाँधी पर बनी फिल्म को वह जनता के बीच नहीं आने देना चाहती। कांग्रेस नेताओं के भाषण यह बताते रहे हैं कि संजय गांधी की आपातकाल के दौरान सत्ता केंद्र पर पर्याप्त हस्तक्षेप रही है।