पंकज प्रसून ने किताब के अंश भी पढ़ें श्रोताओं के सवालों के जवाब भी दिए उन्होंने पढ़ा-” जब इंसान पत्थर का हो जाता है तो वह भगवान का दर्जा पा जाता है” पुस्तक मेले पर उन्होंने कहा कि इस दौरान लेखक किताब के विमोचन के लिए मुख्य अतिथि ऐसे ढूंढता है मानो बेटी के लिए दामाद ढूंढ रहा हो। उन्होंने कहा कि व्यंग्यकार की दृष्टि भले ही नकारात्मक हो लेकिन सोच सकारात्मक होती है।