बतादें कि मध्य प्रदेश में जल्द ही विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। यूपी में भले ही बीएसपी सपा के साथ गठबंधन कर रही हो लेकिन वह मध्य प्रदेश में कांग्रेस के साथ चुनावी गठबंधन की तरफ बढ़ती दिख रही है। इसीलिए मायावती ने मध्य प्रदेश में अपने प्रभारी रामअचल राजभर को हटाकर अशोक सिद्धार्थ को नया प्रभारी बनाया है। बतादें कि अशोक सिद्धार्थ कर्नाटक और केरल के प्रभारी हैं। अशोक सिद्धार्थ मायावती के भरोसेमंद माने जाते हैं। अशोक सिद्धार्थ बीएसपी से राज्यसभा सांसद हैं।
अजीत जोगी से मिला सकती हैं हाथ छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले मायावती अजित जोगी से हाथ मिला सकती हैं। कुछ दिन पहले ही छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम अजीत जोगी ने बीएसपी सुप्रीमो से नई दिल्ली में मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद से ही ये कयास लगाए जा रहे हैं कि बसपा अजीत जोगी के साथ मिलकर छत्तीगढ़ विधानसभा का चुनाव लड़ सकती है। लेकिन अभी यह स्थिति स्पष्ट नहीं है। मायावती ने छत्तीसगढ़ में भी अपना प्रभारी बदला है। यहां धर्मवीर अशोक को प्रभारी बनाया गया है।
यही नहीं बसपा की नजरें राजस्थान पर भी टिकी हुई हैं। यहां पर भी जल्द ही विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। यहां पर भी बसपा ने अपना प्रभारी बदला है। पूर्व राज्यसभा सांसद मुनकाद अली राजस्थान का नया प्रभारी बनाया गया है। इसके साथ ही मुनकाद अली को यूपी के अलीगढ़ और आगरा मंडल का कोआर्टिनेटर भी बनाया गया है। वहीं हरियाणा और पंजाब के प्रभारी की जिम्मेदारी अतर सिंह राव को दी गई है। बिहार में भी नया प्रभारी बनाया गया है, दिनेश सिंह को बिहार का नया प्रभारी बनाया गया है।
मायावती ने अपने इस बदलाव से यह संकेत दे दिया है कि वह भाजपा के खिलाफ बड़ी रणनीति बना रही हैं। यूपी में जिस तरह से बसपा सपा से गठबंधन कर चुनाव लडऩे जा रही है। उसी तरह का गठबंध बसपा मध्यप्रदेश, बिहार और छत्तीसगढ़ में भी करना चाह रही है। ऐसे में इतना तो तय है कि बसपा भाजपा के लिए 2019 से पहले नई मुसीबत खड़ी कर सकती है।