नेशनल कोऑर्डिनेटर के पास संगठन के पॉवर किसी भी सियासी पार्टी की रीढ़ की हड्डी उसका संगठन होता है। मायावती ने इस बार यह जिम्मेदारी अपने भतीजे को दी है। नेशनल कोऑर्डिनेटर के पास संगठन को लेकर सारे पॉवर होंगे। नेशनल कोऑर्डिनेटर न सिर्फ जिला कमेटी बनाकर रखेगा बल्कि विधानसभावार कमेटी, सेक्टर कमेटी, बूथ कमेटी और भाईचारा कमेटी को भी नए सिरे से बनाएगा।
जानें आकाश आनंद के बारे में आकाश आनंद बसपा सुप्रीमो मायावती के छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे हैं।आनंद कुमार को बसपा का उपाध्यक्ष बनाया गया था फिर उनसे मायावती यह पद छीन लिया था। आकाश आनंद ने लंदन के एक बड़े कॉलेज से एमबीए किया है। यूथ को लुभाने के लिए मायावती ने आकाश आनंद को यह जिम्मेदारी सौंपी है।
बसपा की राजनीति में आकाश आनंद अचानक एंट्री नहीं हुई है। मायावती ने वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव हारने के बाद सहारनपुर की रैली में सुनियोजित तरीके से उनको लॉन्च किया था। मायावती ने अपने काडर के बीच संदेश दे दिया था कि आने वाले दिनों में आकाश आनंद की पार्टी में भूमिका अहम हो सकती है।
आकाश आनंद को यह जिम्मेदारी सौंपने का साफ मतलब युवाओं को बसपा से जोड़ना है। साथ ही सोशल मीडिया से दूर रहने वाली बसपा को सोशल मीडिया से दोस्ताना रिश्ते बनकर वोटरों को लुभाना है।
कांग्रेस ने भी की नए सदस्यों की घोषणा
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस कमर कस चुकी है। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यूपी में अपनी पैठ मजबूत करने के लिए कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को महासचिव नियुक्त किया तो पार्टी कार्यकर्ताओं संग लोगों की उम्मीदें बढ़ीं कि कांग्रेस चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करेगी। लेकिन नजीते इसके उलट ही आए। हालांकि जमीनी स्तर पर प्रियंका एक्टिव हैं, वह जिलों का दौरा करने के साथ ही ट्विटर पर भी किसान, युवाओं सहित आम जनमानस से जुड़े ऐसे मुद्दे उठाती हैं, जो आज की जनता के लिए विशेष परेशानी बन चुका है। लेकिन इतने प्रयासों के बाद भी कांग्रेस का वर्चस्व यूपी में खास करिश्मा नहीं दिखा पा रहा। इसी कड़ी में मायावती की ही तरह कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी पार्टी नेतृत्व में नए कुछ बदलाव किए हैं। हालांकि, यह बदलाव संगठन स्तर के नहीं हैं। सोनिया गांधी ने यूपी कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी की मजबूती के लिए सलाहकार परिषद में तीन सदस्यों की नियुक्ति की है। मोहम्मद मुकीम, विवेक सिंह बांदा और विनोद चतुर्वेदी को सलाहकार परिषद का सदस्य बनाया गया है।