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BSP के 2 बड़े नेताओं ने छोड़ी पार्टी, मायावती को लेकर बताई गंभीर बातें, ‘एक व्यक्ति वहाँ सारा खेल कर रहा’

locationलखनऊPublished: Oct 25, 2021 06:53:18 pm

Submitted by:

Dinesh Mishra

बसपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर और नेता विधान मण्डल दल लालजी वर्मा ने समाजवादी पार्टी में आस्था दिखाई है। वहीं उनकी इस मर्जी पर सहमति जताते हुए अखिलेश यादव ने बसपा के दोनों नेताओं को पार्टी की प्राथमिकी सदस्यता दिलाई है।

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पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क

लखनऊ. समाजवादी पार्टी में आज दोपहर बसपा के धुरंधर नेता लालजी वर्मा और राम अचल राजभर ने पार्टी जॉइन कर ली है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बसपा से आए दोनों ही नेताओं का स्वागत करते हुए उन्हें सदस्यता दिलाई। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में किसानों के प्रति सरकर गंभीर नहीं है, उसने किसानों को धोखा दिया है। किसानों की नई फसल अब तक नहीं बिक पाई है। जबकि भाजपा लगातार सिर्फ झूठ का फूल खिला रही है। लेकिन जनता आने वाले विधानसभा चुनावों में बदलाव करने का मन बना चुकी है। समाजवादी पार्टी कि सरकार बनने जा रही है।
बसपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे राम अचल राजभर अब सपाई

अंबेडकरनगर से आने वाले राम अचल राजभर ने अपनी राजनीतिक शुरुआत से लेकर टॉप लेवल तक बसपा में ही रहे। लेकिन आज उन्होने समाजवादी पार्टी जॉइन कर ली है। साथ ही उन्होने मायावती से संबंध बेहतर होने की बात कही। उन्होने कहा कि बसपा जिन सिद्धांतों को लेकर चली थी। वो अब उसके पास नहीं रहे हैं। अब वहाँ सिर्फ एक मुश्त एक ही व्यक्ति का कब्जा हो चुका है।
राम अचल राजभर ने बिना नाम लिए कहा कि, मौजूदा हालात में बसपा में रहकर दलितों पिछड़ों के लिए काम कर पाना आसान नहीं था। इसलिए मैंने अखिलेश यादव का साथ देना ही बेहतर समझा। इन चुनावों में अखिलेश यादव की ही सरकार बनेगी। हम सब इसी लिए बेहतर कर रहे हैं। एक व्यक्ति वहाँ खेल कर रहा है। जिसे मायावती समझ नहीं पा रही हैं।
नेता विधान मण्डल दल लाल जी वर्मा ने भी सपा जॉइन करके नई शुरुआत करे की घोषणा कर दी है।

भाजपा की प्रचंड लहर में भी अंबेडकर नगर से जीतकर आई थी बसपा
रामअचल राजभर अम्बेडकरनगर की अकबरपुर सीट विधायक तो लालजी वर्मा अंबेडकर नगर की कटेहरी विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे। अंबेडकरनगर बसपा का मजबूत गढ़ माना जाता रहा है और इन दोनों ही नेताओं का इस क्षेत्र में मजबूत राजनीतिक वजूद है।
2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की लहर के बावजूद अंबेडकर नगर से बसपा के सबसे ज्यादा चार विधायक जीते। जबकि पूरे प्रदेश में सपा को मात्र 19 सीटें ही मिलीं थी। ऐसे में दोनों के सपा में जाने से जहां सपा को इसका लाभ होने की बात कही जा रही है तो वहीं बसपा के लिए यह तगड़ा झटका माना जा रहा है।

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