ये भी पढ़ें- यूपी की इन सीटों पर फिर से होगा चुनाव, जानिए कौन सी हैं वह सीटें दो सदन का सदस्य नहीं हो सकता कोई व्यक्ति- विधायक रहते सांसद चुने गए उत्तर प्रदेश के 11 विधायकों को सांसद निर्वाचित होने की घोषणा से 14 दिन के भीतर एक सदन की सदस्यता से इस्तीफा देना होगा। इसकी अंतिम तिथि 5 जून है। ऐसा नहीं करने वाले विधायकों की सांसदी स्वत: खत्म मानी जाएगी। इस सिलसिले में विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे का कहना है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत कोई भी व्यक्ति एक साथ दो सदनों का सदस्य नहीं रह सकता। उसे किसी एक सदन की सदस्यता छोड़नी होगी। उन्होंने बताया कि यदि कोई व्यक्ति किसी एक सदन का सदस्य होते हुए दूसरे सदन का सदस्य चुना जाता है, तो उसे चुने जाने के 14 दिन के भीतर घोषणा करनी होगी कि वह किस सदन का सदस्य रहेगा। ऐसा नहीं करने पर उसकी बाद के सदन की सदस्यता स्वत: रद्द मानी जाएगी।
ये भी पढ़ें- घर का भेदी लंका ढाए, सोनिया के लिए विभीषण साबित होंगे उनके खासमखास रहे यह नेता यूपी के यह विधायक व मंत्री बने सांसद- लोकसभा चुनाव में भाजपा के 8, उनके सहयोगी दल अपना दल (एस) के एक व सपा और बसपा के भी एक-एक विधायक ने जीत हासिल की है। इनमें भाजपा के तीन कैबिनेट मंत्री – कानपुर गोविंद नगर से विधायक व यूपी सरकार में खादी व लघु उद्योग मंत्री सत्यदेव पचौरी, लखनऊ कैंट सीट से विधायक व परिवार और महिला कल्याण पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी, टूंडला, फिरोजाबाद के विधायक व यूपी के पशुपालन मंत्री एसपी सिंह बघेल शामिल हैं। इनके अलावा बाराबंकी के जैदपुर से भाजपा विधायक उपेंद्र रावत, बहराइच के बलहा से भाजपा विधायक अक्षयवर लाल गौंड, प्रतापगढ़ से अपना दल (एस) के विधायक संगमलाल गुप्त, कैराना के गंगोह के भाजपा विधायक प्रदीप कुमार, चित्रकूट के मानिकपुर से भाजपा विधायक आरके पटेल, हाथरस के इगलास से भाजपा विधायक राजवीर वाल्मीकि, सहारनपुर के बसपा विधायक प्रदीप चौधरी, रामपुर सदर सीट से सपा विधायक आजम खां सांसद बने हैं।