केंद्र सरकार से अध्यादेश लाने की मांग इस पर मेरा कहना है कि यदि इनकी नीयत साफ है तो कार्ट के आदेश का इंतजार नहीं करनी चाहिए बल्कि इससे पहले कैबिनेट की मीटिंग बुलाकर अध्यादेश जारी करना चाहिए।इस ओर इनका
ध्यान नहीं जाता। दलितों और आदिवासियों की इनको कोई चिन्ता नही है। यदि चिन्ता होती तो सुपीरम कोर्ट से एससीएसटी को निष्प्रभावी बनाने के बाद केंद्र सरकार को अध्यादेश लाना चाहिए था।
पूंजीपतियों के लिए हो रहा जमीन का अधिग्रहण मायावती ने कहा कि कोर्ट के आदेश के बाद जब लोग सडकों पर उतरे तो इन लोगों ने असामाजिक तत्वों को आगे करके हिंसा कराया। ये लोग देश के बडे-बडे पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए किसानों की जमीन कौडियों के दाम पर अधिग्रहित कर रहे हैं और किसानों व दलितों को कोई फायदा नहीं मिल रहा है। मायावती ने कहा कि मैं मोदी जी और उनकी सरकार से यह कहना चाहती हूँ कि बाबा साहब के स्मारकों पर कार्यक्रम करने और योजनाओं का नाम उनके नाम पर रख देने से दलितों का किसी तरह का विकास नहीं हो सकता।
भाजपा पर दोहरे मापदंड का आरोप मायावती ने कहा कि भाजपा दलितों को लेकर दोहरे मापदंड अपनाती है। भारतीय जनता पार्टी दलितों के साथ भेदभाव करती है। भाजपा सरकार दलितों को अहमियत नहीं देती है। भाजपा सरकार में दलितों पर उत्पीडन की घटनाएं बढी हैं। उन्नाव गैंगरेप घटना पर मायावती ने कहा कि भाजपा सरकार महिलाओं की हिफाजत नहीं कर रही है।